कुल कायदा अंतर्गत 19 भूधारक किसानों के परिजन बैंठे आंदोलन पर
जिलाधीश कार्यालय के समक्ष शुरु किया आमरण अनशन
अमरावती/दि.26– मौजे साउर, मौजे आष्टी, मौजे रामा व मौजे वलगांव के 19 किसानों के परिजनों ने कुल कायदा अंतर्गत अपने आप को अपने कब्जे में रहने वाली जमीनों का भोगवटदार यानि उपयोगकर्ता बताते हुए खुद को भोगवटदार वर्ग-2 से भोगवटदार वर्ग-1 की श्रेणी में शामिल किये जाने की मांग को लेकर स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष श्रृंखलाबद्ध अनशन करना शुरु किया है. इस समय आंदोलनकारी किसानों व उनके वारिसों ने जिलाधीश के नाम सौंपे गये ज्ञापन में बताया की सभी किसान कुल कायदा अंतर्गत वर्ष 1945 से जमीन के भोगवटदार है. लेकिन इसके बावजूद मानकलाल शिवनारायण सिकची रिजिजेस एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए भूधारकों को प्रताडित करना शुरु किया है. जबकि इस ट्रस्ट द्वारा वर्ष 1945 से उक्त जमीनों का कोई राजस्व नहीं भरा गया और अब तक भूधारकों को ट्रस्ट की ओर से कभी कोई नोटीस ही नहीं दी गई.
इस समय आंदोलनकारी किसान ने बताया कि, मानकलाल शिवनारायण सिकची रिजिजेस एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट की सभी संपत्तियों की किसी सरकारी एजेंसी के जरिए जांच पडताल करते हुए ट्रस्ट के आर्थिक लेखे-जोखे का ऑडिट भी किया जाना चाहिए. साथ ही जमीन के भूधारक किसानों को उनकी जमीन का ताबा दिया जाना चाहिए.
इस आंदोलन में साउर की ताराबाई देशमुख, वासुदेव देशमुख, निर्मलाबाई देशमुख, तेजमल जोशी (दिवंगत), बबनराव अतकरे (दिवंगत), व्यंकटराव अतकरे (दिवंगत), आनंदराव बोंडे (दिवंगत), जगतराव देशमुख (दिवंगत), महादेवराव धामणकर (दिवंगत), दादाराव बोंडे (दिवंगत), रामचंद्र पवार (दिवंगत), आष्टी के विश्वास यावलेकर (दिवंगत), ज्ञानेश्वर औगड (दिवंगत), छोटेलाल यादव (दिवंगत), रामभाउ डवले (दिवंगत), रामा गांव के रुपराव फुके (दिवंगत), कलावंती जुनघरे (दिवंगत), रामभाउ भोेंडे तथा वलगांव के तुकाराम बरवट (दिवंगत) इन भूधारकों के वारिसदारों ने हिस्सा लिया.