थियटर और मल्टीप्लेक्स में काम करनेवाले शेकडो मजदूरों के परिवारों पर भूखमरी की नौबत
क्या प्रशासन इन मजदूरों के बेरोजगारी पर ध्यान देगा क्या?
अमरावती प्रतिनिधि/दि.28 – कोरोना महामारी के समय देश का सभी कामकाज ठप्प हो गया था. उसमें भी सबसे पहले थियटर और मल्टीप्लेक्स प्रशासन की तरफ से बंद किए गये और कहा गया कि मजदूरो को वेतन समय पर मिलता रहेगा. परंतु 9 से 10 माह तक का वेतन अभी तक मजदूरों को नहीं दिया गया. इस कारणवश उनके परिवार को बदहाली आर्थिक स्थिति का सामना करना पड रहा है. जिसके कारण आज उन मजदूरों के परिवार पर भूखमरी की नौबत आ गई है.
पूरे भारत के कामकाम अब धीरे-धीरे शुरू हो गये है. पता चला है कि शासन ने कहा कि कोविड महामारी की पूर्व दक्षता का पूरा पालन करते हुए नवंबर से थियटर और मल्टीप्लेक्स खोलने की अनुमति दे दी है. फिर भी अमरावती जिले के लगभग थियटर बंद है और वह बंद होने के कारण थियटर और मल्टीप्लेक्स में काम करनेवाले मजदूरों को वेतन नहीं दिया जा रहा है और बहुत से मजदूरों को अपना वेतन मांगने के जुर्म में काम से हाथ धोना पडा. माना वेतन मांगना कोई गुनाह हो गया है.
प्रशासन से हमारी मांग है कि सभी थियटर और मल्टीप्लेक्स पर जल्द से जल्द कारवाई हो और मजदूरों को न्याय दे.