अमरावती

प्रसिध्द गायको ने रफीसाहब के गीत गाकर उनकी यादों को ताजा किया

स्व. मो. रफी स्मृति में आर. के. मेलोडीज ऑक्रेस्ट्रा द्बारा आयोजन

अमरावती/ दि. 4- शहर के नामी आर. के. मेलोडीज ऑर्केस्ट्रा के संगीत क्षेत्र में 42 साल कार्यरत चौथी पीढी के संचालक तथा संगीत गुरू के नाम से पहचान बनाने वाले राजन पछेल ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी रफी साहब की यादे संगीत परंपरा को कायम रखते हुए राजकुंवर निर्मित आर. के. मेलोडीज ऑर्केस्ट्रा, अमरावती द्बारा 31 जुलाई को स्व. मो. रफी साहब की पुण्यतिथि अवसर पर शाम 6 बजे से सदाबहार गीतों का कार्यक्रम शहर के जोशी हाल में आयोजित किया गया था.
सर्वप्रथम रफी साहब की प्रतिमा को मान्यवर द्बारा पुष्पहार अर्पण एवं दीप प्रज्वलित कर सभी कलाकारों ने रफी साहब को अपनी श्रध्दांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में नरेंद्र वानखडे, सह आयुक्त मनपा ने क्या हुआ तेरा वादा, चंद्रकांत पोपट, रघुवीर स्वीट्स ने छू लेने दो नाजूक, दीपक खंडेलवाल, खंडेलवाल ज्वेलर्स ने आज पुरानी राहो, राजेंद्र राउत ने इशारों इशारों में दिनकर पांडे ने न तू जमीं के लिए , माधव धमाले- मुझे तुम याद आए, छोटू पछाल- जिंदगी तो बेवफा है, राजीव बसवनाथे- आपके हसनी, प्रा. तारण भगत- जाने बहार हुस्न, अभिनंदन शेंडे- खोया- खोया चांद, राजकुमार जितेंद्र – आपके पहलू में, राजा डेंडुले- जानेवाले मुड के देशो, जीतू कुरवाडे-गुलाबी आंखें जो तेरी देखी, डॉ. डेहनकर, -बहारों फूल बरसाओ, आत्राम साहेब- बडे बेवफा है, जनार्दन मानवतकर- चलो रे डोली, सुरेन भांडे- लाखों है निगाह में बंडू राणे व आशा शेट्टी- तुमने पुकारा, इस प्रकार अनेक गायकों ने पुण्यतिथि कार्यक्रम में गीतों की प्रस्तुति दी.
जिले के विविध उच्च पदों पर कार्यरत कर्मचारी एवं अधिकारी, व्यावसायिक, नामांकित गायकों ने रफी साहब की याद में उनके ही गीत गाकर रफी साहब को याद किया. संगीत संयोजन में राजन पछेल की बोर्ड, योगेश गजभिए-ढोलक, कुमार मोन्तो- ऑक्टोपॅड , जसवंत ठाकुरे- मेंडोलीन, दादा टाले- अकॉर्डियान, रमेश बोंडे- कोंगो, विनय पछेल- गिटार, शिवराज पछेल- मायनर, प्रवीण ठाकरे, दिनेश किल्लेकर सभी कलाकार ने बहुत सुंदर प्रदर्शन किया. संचालन सुबाहान अली जैदी एवं विविध भारती, मुंबई के खास उद्घोषक प्रशांत बैस ने किया.
प्रमुख उपस्थितों में प्रसिध्द गायक गुणवंत डहाने,भोजराज काले, सतीश आवारे, नरेंद्र मोरे, राहुल सदार,कुमार शिसोदे, अनिल खडसे,वृक्ष प्रेमी वसंतराव पाटिल, सत्यप्रकाश गुप्ता, सुचिता खुले, सरिता हनुमंते, सविता पडोले, संगीत गुरू संगीता थूल व थूल साहेब एवं बहुसंख्य रसिक मान्यवरों ने इस संगीत कार्यक्रम का आनंद लिया.

 

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