समा महेफिल में फनकार रौशन आजाद ने बिखेरा समा
हर तरफ नुरो इरफां की बरसात है,- उर्स-ए रहेबर पिया आज की रात है.....
*सुफियों के साथ-साथ झुम उठे जायरीन
अमरावती/दि.13– सूफ़ी अब्दुल मजीद कश्फि हज़रत ख्वाजा रहेबर अली शाह चिश्ती ताजी (रहमतुल्लाह अलैह) का 15वां सालाना उर्स 10 अक्टुबर से बहुत ही उत्साह के साथ प्रारंभ हुआ. तीन दिवसीय चले इस उर्स कार्यक्रम में विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. 12 अक्टुबर गुरुवार की रात खानकाहे रहेबरिया में चांदा मेटा (म.प्र.) से आए फनकार रौशन आजाद ने अपने सुफियाना कलामों से समा बिखेर कर सुफियों सहित उपस्थित जायरिनों को झुमने पर मजबुर कर दिया. शुक्रवार सुबह कुल शरीफ व दुआ के साथ 4 दिवसीय उर्स का समापन हुआ.
हैदरपुरा ईदगाह के समीप स्थित खानकाहे रहेबरिया में 4 दिवसीय हज़रत ख्वाजा रहेबर अली शाह चिश्तिया ताजी (रहमतुल्लाह अलैह) का 15वां सालाना उर्स खानकाहे रहेबरीया पंच कमेटी, दरगाह कमेटी, खुद्दाम कमेटी की ओर से गद्दी नशीन हजरत अलहाज ख्वाजा सैराब अली शाह अखी चिश्ती उलकादरी ताजी की सरपरस्ती में आयोजित किया गया. उर्स के दौरान पहले दिन कुरआन ख्वानी, परचम कुसाई के साथ उर्स का आगाज हुआ. पश्चात दरबार को गुस्ल शरीफ किया गया. उर्स के दुसरे दिन शाही चादर पेश की गयी. तिसरे दिन गुरुवार की शाम आम लंगर व समा महेफिल का आयोजन किया गया. जिसमें चांदा मेटा (म.प्र.) से आए फनकार रौशन आजाद ने मन कुन्तो मौला …., हम सुफी है अली से निस्बत रखते है…., कर दो कर दो करम मुर्शीदे मोहतरम, तुमको जमी पर उतारा गया है करम के लिए…, तथा हर तरफ नुरो-इरफां की बरसात है- उर्स-ए रहेबर पिया आज की रात है….. जैसे सुफियाना कलामों से उपस्थित तमाम मुरीदैन, सुफी व जायरिनों को झुमने पर मजबुर कर दिया. समा महेफिल पश्चात सुबह बाद नमाज फजर कुल शरीफ की फातेहा पश्चात उर्स का समापन किया गया. सभी कार्यक्रमों में अचलपुर-परतवाडा, नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, अकोला, औरंगाबाद, मुंबई, यवतमाल, पुलगांव सहित अन्य राज्यों के बुर्हानपुर, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर सहित बालाघाट से हजारों की संख्या में जायरिनों व मुरीद भाईयों ने उपस्थिती दर्ज करायी. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए खानकाहे रहेबरीया पंच कमेटी, दरगाह कमेटी, खुद्दाम कमेटी, मुरीदैन, जायरिनों ने काफी मेहनत की.
* विदर्भ सहित अन्य राज्यों में मुरीद
सूफ़ी अब्दुल मजीद कश्फि हज़रत ख्वाजा रहेबर अली शाह चिश्ती ताजी (रहमतुल्लाह अलैह) के चाहने वाले मुरीदैन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, तेलंगाना, पश्चिम विदर्भ, मुंबई आदि इलाकों में हजारों की संख्या में है. जो उर्स के दौरान अपनी उपस्थिती दर्ज कराते है.
* छलके आंसू..
4 दिनों तक चले उर्स का समापन शुक्रवार की सुबह कुल की फातेहा के साथ समापन हुआ. जिसके बाद बाहर राज्यों से आए मुरीदों व जायरीनों की रुख्सती (बिदाई) खानकाहे रहेबरिया हैदरपुरा, ईदगाह फाटक के पास से हुई. इस समय विदाई देते समय इंतेजामिया कमेटी व मुरीद भाईयों की आंखो से आंसु छलक उठे.