चातुर्मास समाप्ति पर विदाई व कृतज्ञता समारोह : कईयों की आंखों से झलके आंसू
अंबापेठ जैन स्थानक में आयोजन, नौनिहालों की शानदार प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध
अमरावती/दि. ९- अंबापेठ जैन स्थानक में चातुर्मास समाप्ति के उपलक्ष्य में तत्वचिंतिका पूज्य अमित ज्योतिजी म.सा. एवं संगीत आराधिका पूज्य अनंतज्योतिजी म.सा. का मंगलवार को विदाई व कृतज्ञता समारोह आयोजित किया गया था. विगत चार माह से चातुर्मास निमित्त विभिन्न धार्मिक आयोजन किए गए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन चातुर्मास का समापन होता है. मंगलवार को चातुर्मास की समाप्ति पर आयोजित विदाई व कृतज्ञता समारोह में कईयों की आंखों से आंसू झलक पड़े. सभी जानते है कि, जैन संत नदी के पानी के समान निरतर बहता रहता है. वह चार माह तक एक जगह विराजमान रहते है. पश्चात ८ माह विभिन्न क्षेत्र में विचरण करते है. अमितज्योति ने अपने नाम के अनुसान अ यानि लोगों के दिलों तक अमिट छाप छोड़ी. मि यानी मितभाषी स्वभाव की धनी, त यानि सभी समाज बंध्ाु को तत्व का सार समझनेवाले, ज्यो यानि लोगों के दिलों में धर्म की ज्योति जगाने वाले, ति यानी लोगों के मन से तिमिर अंधकार को दूर भगाने वाले और जी यानि लोगों का दिल जीतने वाले ऐसे मृदूभाषी अमितज्योतिजी म.सा. तथा सरल स्वभावी अनंतज्योतिजी म.सा. ने चार माह तक लगातार समाजबंध्ाुओं में ज्ञान की गंगा बहाई. विदाई समारोह में सभी ने अपनी भावना व्यक्त की. श्रुतिका गांधी, सुधीर शाह, कल्पेश देसाई, इलाबेन लाठिया, वेदिका, धर्मेंद्र मुनोत, छबिलभाई लाठिया, नेहा चोपडा, अमृत मुथा, श्वेता चोपड़ा ने अपनी भावना अभिव्यक्त की. तथा सुशील बहुमंडल ने विदाई गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन आरती देसाई ने किया.
‘इतना तो बता देना वापस कब आओगे’….
पूज्य महासतियों के विदाई के अवसर बाल कलाकारों ने विदाई गीत के माध्यम से सुंदर प्रस्तुति दी. बालकों ने प्रस्तुत किए ‘इतना तो बता देना वापस कब आओगे, हैपी जर्नी गुरुवर’ गीत से सभी भावविभोर हो गए. इस अवसर पर अंबापेठ स्थानक की महिला सदस्यों ने कव्वाली की प्रस्तुति दी. सभी कलाकारों को अकोला के बंसीलाल राकां एवं मोहनलाल ओस्तवाल की ओर से पुरस्कार दिए गए.
चार माह तक विभिन्न कार्यक्रम
पूज्य महासतिजी के सानिध्य में चार माह तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. नवकार मंत्र का जाप, पैसठिया छंद का जाप, बड़ी साणू वंदना, उत्तराधयन सूत्र का वाचन, आगम, बहाणा, समवश्रण का अद्भूत नजारा, हर शुक्रवार को पद्मावती देवी माता के एकासन एवं तप की विधि, आनंद ऋषि म.सा.का जन्मोत्सव आदि आयोजन महासतीजी के मार्गदर्शन में किए गए.
जैन स्थानक से विहार
बुधवार को पूज्य अमितज्योतिजी एवं अनंतज्योतिजी म.सा. का अंबापेठ जैन स्थानक से सुबह विहार हुआ. विहार में सभी समाजबंध्ाु बड़ी संख्या में शामिल हुए
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