
पथ्रोट प्रतिनिधि/दि.५ – खेती का बटवारा करने के लिए मुंबई से अपने पैतृक गांव रामापुर पहुंचे. वहां से अपनी आंखों के सामने बटवारा करने के लिए खेत गए. मगर इस बीच स्नान करने के लिए शहानुर नदी में उतरे, परंतु पानी की गहराई का अनुमान न होने के कारण उस किसान की मौत हो गई. शंकर सहदेव दांडगे (४३, रामापुर बुजरुक) यह नदी में डूबकर मरने वाले किसान का नाम है. खेती का बटवारा करने गए किसान वापस मुंबई नहीं लौट पाये. रविवार को पत्नी व दो बेटे ने शंकर का चेहरा देखने के बाद बिलक-बिलकर रोने लगे. ३ अक्तूबर को शंकर की नदी में डूबकर मौत हो जाने की जानकारी शंकर के भाई ने मुंबई में शंकर की पत्नी और बच्चों को दी. खबर मिलते ही वे मुंबई से रवाना हुए. शंकर की लाश शनिवार ८ बजे अचलपुर उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए रवाना की. पोस्टमार्टम के बाद रविवार की दोपहर १.३० बजे शंकर की लाश अंबादास दांडगे को सौंपी गई. दोपहर २ बजे शंकर की पत्नी सुनंदा (३८), आदर्श (१८), विशाल (१६) घर पहुंचे. शंकर का चेहरा देखते ही वे अपने आंसू नहीं रोक पाये. फूट-फूट कर रोने लगे. शंकर १७-१८ वर्ष पहले मुंबई में गए. वहां एक निजी कंपनी में काम करते थे.