* परिवारवालों ने पोस्टमार्टम करने से किया मना
* तुरखेड की सनसनीखेज घटना
अंजनगांव सुर्जी/ दि.20- खेत में जाने का रास्ता बंद करने के कारण प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी न्याय न मिलने के कारण तुरखेड निवासी किसान पांडुरंग महल्ले ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले किसान ने सुसाइड नोट लिख रखा था. जिसमें आत्महत्या के लिए तीन लोग जिम्मेदार होने का उल्लेख किया है. यह सनसनीखेज घटना तुरखेड में गुरुवार की सुबह 11 बजे उजागर हुई. घटना के बाद परिवार के सदस्यों ने पोस्टमार्टम कराने से मना किया. जिससे ग्रामीण अस्पताल में तनाव की स्थिति निर्माण हो गई थी.
पांडुरंग काशिनाथ महल्ले (62, तुरखेड) यह फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले किसान का नाम है. पांडुरंग महल्ले का चिंचोना परिसर में पिता से मिला खेत है. इस खेत में जाने के लिए रामराव श्यामराव वानखडे के खेत से रास्ता है, परंतु एक वर्ष से वानखडे ने खेत से जाने के लिए मना किया. जिससे पांडुरंग महल्ले ने महसूल प्रशासन से खेत में जाने का रास्ता मांगा. यह मामला पिछले छह माह से तहसील कार्यालय में शुुरु है. इस मामले में बुधवार 18 मई को नायब तहसीलदार व मंडल अधिकारी ने खेत में जाकर मुआयना भी किया. परंतु न्याय मिलने में देरी होने और खेत में जाने का दूसरा रास्ता न होने के कारण निराश हुए पांडुरंग महल्ले ने रास्ता रोकने वाले के खेत के ही पेड की टहनी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में देवीदास, रामराव वानखडे और उसका पुत्र उनकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है, इस वजह से पांडुरंग महल्ले के रिश्तेदारों ने जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक पोस्टमार्टम नहीं कराने की भूमिका अपनाई. इससे ग्रामीण अस्पताल में कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति निर्माण हुई. आखिर अंजनगांव सुर्जी के थानेदार दीपक वानखडे ने रिश्तेदारों को समझाया. तब जाकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरु की.