गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संयुक्त किसान मोर्चा का किसान आंदोलन
इर्विन चौक पर किया गया केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन
अमरावती/दि.25 – संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इर्विन चौक स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पुतले के पास बुधवार 25 जनवरी को किसान आंदोलन किया गया. दिल्ली की सीमा पर लंबे समय तक चले आंदोलन की याद दिलाते हुए मोदी सरकार द्बारा किसानों का विश्वासघात करने का आरोप इस अवसर पर किसानों ने किया.
आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की. किसान मोर्चा की मांग है कि, एमएसपी का कानून बनाया जाए, विदेशी कृषि माल का आयात बंद किया जाए, बिजली संशोधन विधेयक-2022 वापस लिया जाए, लखीमपुर शहीद किसान व पत्रकारों को न्याय दिया जाए, केंद्रीय गृहमंत्री अजय मिश्रा-टेनीको बर्खास्त किया जाए. साथ ही डॉ. एमएस स्वामीनाथन आयोग के सिफारिश के अनुसार उत्पादन खर्च का डेढ गुना, कृषिमाल आधारभूत मूल्य कानून बनाया जाए, सरकार द्बारा निर्माण की गई एमएसपी कमिटी किसान विरोधी रहने से उसे बर्खास्त कर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि लेकर नई कमिटी बनाई जाए, किसान, खेतीहर मजदूर और असंगठित कामगारों के लिए पेंशन कानून कर उन्हें प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन दिया जाए, सूखा, बाढ, अतिवृष्टि के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई करने, सभी फसलों पर व्यापक व प्रभावी फसल बीमा योजना सरकारी क्षेत्र में शुरु करने सहित भाजपा शासित राज्य में किसान आंदोलन के दौरान जो गंभीर मामले दर्ज हुए है, उसे तत्काल वापस लेने की मांग इस अवसर पर की गई. आंदोलन में महाराष्ट्र राज्य किसान सभा, आम आदमी पार्टी, अखिल भारतीय किसान सभा, मनिषी नवजागरण समिति, स्वाभिमानी किसान संगठना, सत्याग्रह किसान संगठना, मराठा सेवा संघ, जय संविधान संगठना, आयटक, सीटू, संगठना के कार्यकर्ताओं का समावेश था. इसमें तुकाराम भस्मे, अशोक सोनारकर, मलेश देशमुख, डॉ. ओमप्रकाश कुटेमाटे, अतुल पालेकर, अशोक राउत, दिगंबर नगेकर, हरिदास राजगुरे, शरद मंगले, राजू रामटेके, चंद्रकांत वडसकर, जीतेंद्र कोरडे, भूषण घुले, अमित गावंडे, उमेश बनसोड, मुक्ता बनसोड, प्रफुल देशमुख, गुंजनदास, हरिश मेश्राम, अन्सार बेग, हरिश चरपे, आरिफ शेख, विजय रोडगे, सुनील घटाले, सतीश चौधरी, श्रीयंकादास, नारायण थोरात, जगदीश आत्राम सहित अन्यों का समावेश था.