अमरावती/दि.03– केंद्र सरकार द्बारा प्रस्तावित किए गए तीन नये कृषि कानूनों का विरोध करते हुए लाखों किसानों ने दिल्ली राज्य की सीमाओं पर करीब 386 दिन ठिया आंदोलन किया था और उस आंदोलन के दौरान लखीमपुर खिरी में किसान आंदोलकों व भाजपा के मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने वाहन चढाते हुए उन्हें कुचल दिया था. जिसमें 8 किसानों की मौत हो गई थी. उस घटना को याद करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा व संयुक्त कामगार संगठन कृषि समिति ने आज 3 अक्तूबर को काला दिवस मनाते हुए जिलाधीश कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. साथ ही हरित क्रांति के जनक डॉ. एम. एस. स्वामी नाथन एवं लखीमपुर खिरी हत्याकांड में शहीद हुए किसान आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके साथ ही जिलाधीश के जरिए केंद्र एवं राज्य सरकार के नाम अपनी विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपते समय अशोक सोनारकर, प्रा. साहेबराव विधले, डॉ. ओमप्रकाश कुटेमाटे, श्याम शिंदे, महेश देशमुख, आनंद आमले, धनंजय तोटे, जे. एम. कोठारी, सुभाष पांडे, चंद्रकांत बानुबाकोडे, डी. एम. पवार, अश्विन चौधरी, आकाश माहोरे, सुनील घाटोले, शरद मंगले, उमेश बनसोड, सुनील देशमुख, नीलकंठ ढोके, हिमांशू अतकरे, अमर मेशकर, डॉ. प्रफुल्ल गुडधे, विनायक निंभोरकर, सुमंतराव वानखडे, पद्मा गजभिये, राजेंद्र भांबोरे, आशा वैद्य, पंजाबराव शिंदे, वंदना बुरांडे, किरण रंगारी, ज्योती नालट, नलू इंगोले, वैशाली नेवारे, अनिता जगताप, नलू बोरकर, संगीता वानखडे, सुधा खडसे, ममता काले, स्मिता करुले, फरहीन खान, रेहाना खान, रंजना उपरीकर, दिगंबर नगेकर, इंदुताई बोके, उषाताई ढवले, मुक्ता बनसोड, प्रविण काकड, प्रमोद कुचे, वसंत पाटिल, ज्ञानेश्वर मेश्राम, संजय वानखडे, विनोद बाभुलकर, गणेश मुंदरे, सुरज माने, विक्रांत सातारकर, वैभव सरोदे, मोहन मुके, राजाभाउ वानखडे आदि उपस्थित थे.