खरीफ सीजन में बारिश होने में देरी होने से किसान सतर्क
दुबारा बुआई टालने के लिए किसानों का उत्साह बढा
* जिले में 5. 93 प्रतिशत ही बुआई
अमरावती/ दि. 25– दूध से जला बालक मई को भी फूंककर पीता है. इस अनुसार किसानों ने इस बार कम बारिश होने से अभी तक केवल 5.93 प्रतिशत अर्थात 4 हजार 447 हे.् क्षेत्र पर ही बुआई की है. पिछले दो साल का अनुभव देखकर किसानों ने इस बार बुआई के लिए जल्दबाजी नहीं की. उसी प्रकार अधिकांश किसान बीज खरीदने के कारण दोबारा बुआई का खर्च टालने के लिए फिलहाल उन्होंने सावधानी रखी है. बारिश का कोई भरोसा न होने का मत अनेक किसानों ने व्यक्त किए है. अभी तक जिले में औसतन 62 मि.मी. बारिश होने पर भी वह बिखरे स्वरूप में है. वह सभी तरफ नहीं हुई है.
जिले में बुआई के लायक क्षेत्र 6 लाख 81 हजार 710.90 हेक्टर क्षेत्र है. जिसमें सबसे अधिक 2 लाख 75 हजार 689 हेक्टर पर सोयाबीन की बुआई होती है. उसी प्रकार कपास रोपण का क्षेत्र 2 लाख 22 हजार 632 हेक्टर है. फिलहाल 21 हजार 541 हेक्टर पर अर्थात 9. 68 प्र्रतिशत ही बुआई हुई है. उसी प्रकार तुअर रोपण का कुल क्षेत्र 33 हजार 608 हेक्टर है. अभी तक 5 हजार 266 हेक्टर यनी 15. 67 प्रतिशत बुआई की गई.
* 10 जुलाई तक बुआई रोकने से कोई परिणाम नहीं
10 जुलाई तक बुआई रोकने पर सीजन पर कोई परिणाम नहीं होगा. कारण इस बार सीजन देरी से आया है. किंतु हाल ही में जो किसान बुआई के लिए जल्दबाजी करेंगे. उन्हें परेशानी का सामना करना पडेगा.
अनिल बंड, मौसम विशेषज्ञ
* किसान सतर्क हुए
बीजों की कीमत अधिक होने से तथा विगत दो तीन वर्ष में बारिश के अभाव में दूसरी- तीसरी बार बुआई की नौबत किसानों पर आने से किसानों ने इस बार खर्च टालने के लिए बारिश का अनुमान लगाकर बुआई के लिए सुरक्षित नीति अपनाई है.
पांडुरंग बांडबुचे, कृषि विशेषज्ञ
* 2021 मेंं हुई थी 32.8 प्रतिशत बुआई
जिले में 2021 मेंं 24 जून तक 32.8 प्रतिशत बुआई हो गई थी. परंतु बारिश ने गेप देने से किसानों पर दूसरी- तीसरी बार बुआई करने की नौबत आ गई. उसकी बाद जोरदार बारिश हुई. बारिश ने खेत ही उखाड कर रखे जाने से बोए गये बीज भी बेकार गये थे तथा कुछ बनावटी बीज मिलने के कारण वे उगे ही नहीं. 2020 में 45 प्रतिशत तक बुआई निपट गई थी.