
* दो हजार हेक्टेअर में आम की पैदावार
अमरावती /दि.29 – गावरानी आम के वृक्ष दिनोंदिन कम होने के दौरान किसानों का रुझान अब कलमी आम की ओर अधिक बढ रहा है. साथ ही कृषि विभाग के विविध योजनाओं सहित मनरेगा के जरिए भी अब आमो की बुआई व पैदावार हो रही है. अमरावती जिले में करीब दो हजार हेक्टेअर कृषि क्षेत्र में आम के बागान है और इस बार आम को अच्छे दाम भी मिल रहे है. साथ ही अवकाली बारिश नहीं रहने के चलते आम का बेहतरीन उत्पादन होने से किसानों को अच्छा-खासा फायदा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक मग्रारोगायो के तहत 516 हेक्टेअर क्षेत्र में आम की बुआई हुई है. साथ ही कुछ किसानों ने अन्य योजनाओं अथवा व्यक्तिगत स्तर भी अपने खेतो में आम के बागान लगाए है. उत्पादन खर्च कम रहने के चलते इन दिनों आम की बुआई करने की ओर किसान का रुझान अधिक है. साथ ही इसके लिए सरकार से अनुदान भी मिल रहा है और आम की पैदावार से किसानों अच्छी आय होने की भी गारंटी होती है.
* केशर आम को मिलता है बेहतरीन दाम
जिले में दशहरी व लंगडा आम की पैदावार होने के साथ ही अब केशर आम की पैदावार करने की ओर किसानों का रुझान अधिक है. इस आम की बाजार में अच्छी-खासी मांग होती है और इसे अच्छे दाम भी मिलते है.
* भाऊसाहेब फुंडकर फल बाग योजना के तहत अनुदान मिलता है. साथ ही कुछ अन्य योजनाएं भी है. जिसके चलते जिले में फलबागान का बुआई क्षेत्र बढ रहा है और विविध प्रकार के फल बागान की ओर किसानों का रुझान भी बढ रहा है.
– वरुण देशमुख
उपसंचालक, कृषि
* फलबागान की ओर किसानों का बढता रुझान
– जिले में इन दिनों अलग-अलग फसलों की बुआई करने की ओर किसानों का रुझान अधिक है. जिसके तहत मनरेगा योजना अंतर्गत आम, संतरा, केले, पपई, सीताफल, अनार, आंवला, चिकू व नीबू सहित अन्य फलों की पैदावार किसानों द्वारा की जा रही है. इस योजना अंतर्गत इस समय कम से कम दो हजार हेक्टेअर क्षेत्र में फलबागान लगाए गए है.
– बढते तापमान, बदरीले वातावरण, बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि जैसी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का नुकसान हमेशा ही फलबागानों को होता है. परंतु इस वर्ष ऐसे संकटो से किसान बचे हुए है. जिसके चलते कम उत्पादन खर्च में फलबागानों से अच्छी-खासी आय होने की किसानों को उम्मीद है.