
* कर्जमाफी की उम्मीद के चलते बैंकों की वसूली बाधित
अमरावती /दि.26– लाडकी बहिण योजना व नमो किसान महासम्मान योजना जैसी योजनाओं के चलते राज्य सरकार की तिजोरी पर अच्छा-खासा आर्थिक बोझ पड रहा है. इसमें भी अब कर्जमाफी मिलने को लेकर चर्चाएं किसानों में शुरु हो गई है. जिसके चलते फसल कर्ज की वसूली बाधित होने लगी है. ऐसे में किसानों द्वारा बडे पैमाने पर कर्ज को बकाया रखने के चलते जिला बैंक सहित अन्य सभी बैंकों की आर्थिक समस्याएं बढ गई है.
बता दें कि, विधानसभा चुनाव के समय महायुति तथा महाविकास आघाडी द्वारा सत्ता में आने पर किसानों को कर्जमाफी देने का आश्वासन दिया गया था. ऐसे में कर्जमाफी मिलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किसानों ने अपने कर्ज की अदायगी करना रोक दिया. जिसके चलते बैंको द्वारा की जानेवाली कर्जवसूली रुक गई है. तय समय के भीतर कर्ज की अदायगी नहीं करनेवाले किसान बकायादार हो जाएंगे और उन्हें अगले वर्ष कर्ज नहीं मिलेगा. इसके अलावा बैंकों पर आर्थिक बोझ भी बढेगा. जिसके चलते कर्जमाफी मिलने अथवा नहीं मिलने को लेकर जल्द से जल्द निर्णय होने की अपेक्षा व्यक्त की जा रही है.
ज्ञात रहे कि, इससे पहले युति सरकार ने डेढ लाख रुपए तक बकायादार रहनेवाले किसानों के कर्ज माफ कर दिए थे. जिसके बाद महाविकास आघाडी ने दो लाख रुपए तक बकाया कर्ज को माफ किया था. साथ ही नियमित कर्ज अदायगी करनेवाले किसानों को 40 हजार रुपए तक प्रोत्साहन अनुदान भी दिया गया, जिससे बैंकों की वसूली होकर उनकी आर्थिक स्थिति में थोडा सुधार हुआ. वहीं अब एक बार फिर किसानों में दुबारा कर्जमाफी मिलने की चर्चा शुरु हो गई है. जिसके चलते किसानों ने कर्ज की अदायगी करना बंद कर दिया है और बैंको की कर्जवसूली दिक्कत में फंस गई है.
* चुनाव में दिया गया था आश्वासन
विधानसभा चुनाव के प्रचार दौरान महायुति के नेताओं द्वारा कर्जमाफी की घोषणा की गई थी, ऐसा किसानों का कहना है. जबकि हकिकत में सरकारी स्तर पर इसे लेकर फिलहाल कोई भी हलचल नहीं चल रही. जिसके चलते कर्जमाफी का विषय काफी जटिल हो गया है.
* वसूली पथक खालीहाथ
फरवरी माह से ही बैंको द्वारा कर्जवसूली का काम शुरु किया जाता है. जिसके चलते बैंक के पथक वसूली हेतु किसानों के यहां पहुंच रहे है. परंतु उन्हें किसानों द्वारा खालीहाथ वापिस लौटाया जा रहा है.
* खरीफ में रिकॉर्ड 1464 करोड रुपयों का फसल कर्ज वितरित
जिले में बैंकों को वर्ष 2024 के खरीफ सीजन हेतु 1600 करोड रुपयों के कर्ज वितरण का लक्ष्य तय किया था. जिसकी तुलना में 1,11,475 किसानों को 1464.12 करोड रुपयों का फसल कर्ज वितरित किया गया. जो तय लक्ष्य की तुलना में 92 फीसद रहा. साथ ही विगत दो वर्षों से बैंको ने रिकॉर्ड कर्ज वितरण किया है.
* ब्याज माफी चूकने पर पडेगा आर्थिक बोझ
इस समय कर्जमाफी मिलने की संभावना नहीं रहने की बात जिला बैंक के पदाधिकारियों द्वारा कही जा रही है. जिसके चलते 31 मार्च तक 3 लाख रुपए के कर्ज की अदायगी करनेवाले किसानों को ब्याज माफी का लाभ देने का निर्णय लिया गया है. जिसका कर्ज अदा करते हुए किसानों द्वारा लाभ लिया जा सकता है. वहीं बकायादार हो जाने पर 31 मार्च के बाद कर्ज की रकम पर 9 फीसद तक ब्याज लगाया जाएगा.
* किसानों ने 31 मार्च तक फसल कर्ज की अदायगी करते हुए ब्याज माफी योजना का लाभ लेना चाहिए. जिला बैंक द्वारा 4 अप्रैल को दुबारा फसल कर्ज वितरण शुरु किया जाएगा, ऐसे में 31 मार्च तक कर्ज की अदायगी करनेवाले किसानों को नए फसल कर्ज का लाभ मिल सकेगा.
– अभिजीत ढेपे, उपाध्यक्ष, जिला बैंक
* जिला बैंक का बकाया कर्ज (31 जनवरी तक/लाख रुपए)
अल्प अवधि फसल कर्ज 120476.77
मध्यम अवधि फसल कर्ज 18618.51
दीर्घ अवधि फसल कर्ज 18.12
कुल फसल कर्ज 139114.20
कुल बकाया 139114.20
बकाए का प्रमाण 100 फीसद