चांदूर बाजार/दि.18- मृग नक्षत्र की बारिश का इंतजार करते किसानों के हाथ निराशा लगी है. बुआई के लिए उचित बारिश ने अब तक तहसील में उपस्थिति दर्ज न कराये जाने से बुआई नहीं होने के साथ ही बारिश का इंतजार करते किसानों की नजरें आसमान की ओर लगी होने का चित्र तहसील में दिखाई दे रहा है.
कोरोना काल में व उसके बाद भी किसानों ने बड़ी उम्मीद के साथ बुआई कर उत्पादन लिया. लेकिन खेतमाल को उचित दाम न मिलने से किसानों ने कम दाम में खेतमाल की बिक्री की. रब्बी मौसम में हुई बेमौसम बारिश से प्याद, गेहूं, चना सहित साग-सब्जी की फसलें नष्ट हुई. जिसके चलते किसानों को निराशा हाथ लगी. ऐसी स्थिति में इस वर्ष खरीफ मौसम के लिए किसानों ने कमर कसी है, लेकिन जून महीने के 15 दिन बीत जाने के बावजूद बारिश नहीं हुई. परिणामस्वरुप जोरदार बारिश की प्रतीक्षा करने वाले किसानों की बुआई रुक गई है. खेत की मशक्कत का काम भी अंतिम चरण में है. किसानों को डिजल दरवृद्धि का फटका सहन करना पड़ा. विगत कुछ दिनों से तहसील में बारिश का वातावरण तैयार होने लगा है. लेकिन बारिश के इंतजार में किसानों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है.
* बेमौसम बारिश का फटका
दो-तीन वर्षों से बेमौसम बारिश के कारण किसानों को फसल न मिलने से आर्थिक किल्लत निर्माण हुई है. खेतमाल को दाम नहीं. खेतमाल बेचने के बाद आये थोड़े बहुत पैसों से बीज, खाद, मजदूरी आदि नियोजन नहीं हो सकेगा, इसके लिए किसान उधारी कर रहे हैं.