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किसान की बेटी बनी अफसर

आसेगांव की जागृति चौधरी की सफल कहानी

आसेगांव पूर्णा/दि.16- चांदूर बाजार तहसील के दहीगांव पूर्णा ग्राम की सामान्य किसान परिवार में जन्मी जागृति चौधरी मेहनत और लगन के बलबूते राज्य आयोग चयन परीक्षा में सफल हुई और अब बुलढाणा जलसवंर्धन विभाग में श्रेणी-2 की अधिकारी बनी हैं. जागृति ने अपनी जिम्मेदारी संभाल ली हैं. उसने महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग स्थापत्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा में सफलता पाई थी.
* प्रयत्नों की पराकाष्ठा
एमपीएससी से अधिकारी बनना सरल कार्य नहीं है, इसके लिए इच्छूक अभियर्थी को प्रयत्नों की पराकाष्ठा करनी पडती हैं. ऐसे में जागृति की सफलता और भी बढ जाती हैं. उसमें घर की साधारण परिस्थिति के बावजूद अपने लक्ष्य को नजरों से डिगने न दिया. जागृति बताती है कि, उसके पिता धनराज चौधरी ने सदैव उसे पढाई के लिए प्रोत्साहन दिया.
* बचपन से ही होशियार
जागृति लडकपन से ही पढाई-लिखाई में अव्वल रही. उसने जिला परिषद पूर्व माध्यमिक शाला दहीगांव पूर्णा से आरंभित पढाई की. फिर हाईस्कूल की पढाई चांदूर बाजार में की. उच्च शिक्षा के लिए अमरावती के पीआर पोटे महाविद्यालय का रुख किया. यहां डिग्री प्राप्त करने के बाद एमपीएससी की परीक्षा देने का संकल्प किया. इसके लिए बडी मेहनत जागृति ने की. उसने बताया कि, होश आने के बाद उसने अधिकारी बनने का संकल्प कर लिया था. उसी दृष्टि से तैयारी आरंभ की.
* साधारण किसान परिवार
जागृति के पिता धनराज चौधरी सामान्य किसान हैं. किंतु अपनी बेटी को उन्होंने सदैव पढाई हेतु प्रोत्साहित किया. एमपीएससी अंतर्गत महाराष्ट्र स्थापत्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा में यश प्राप्त कर जागृति ने परिवार और गांव का मान बढा दिया. जागृति ने समाजसेवा करने का भी प्रण किया हैं. वह बुलढाणा मेें श्रेणी-2 की अफसर के रुप में पदभार ग्रहण कर चुकी हैं.

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