अमरावती

संतरा, कपास और तुअर के कारण किसान संकट में

किसानों को मुआवजा दिया जाए

* राकांपा के उपाध्यक्ष रूपेश वालके की मांग
* कपास पर लाल्या रोग का प्रभाव , तुअर की फसल भी सूखने की कगार पर

मोर्शी/दि.23– मोर्शी तहसील के किसान पहले ही संकट में है उसमें भी तुअर की फसल सूखने की कगार पर है. लेकिन तुअर की फल्ली पर ओस गिर जाने से कपास पर लाल्या रोग का प्रभाव पड जाने से फिर एक बार मोर्शी तहसील में किसान अडचन में आ गया है. जिसके कारण कृषि विभाग की ओर से रोग नियंत्रण के लिए किसानों को मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है. विगत दो वर्षो में कपास को अच्छा भाव नहीं मिला फिर भी कपास का बडे प्रमाण में रोपन होने का दिखाई दे रहा है. किसानों ने तुअर, कपास का रोपन करते समय महंगे बीज, रासायनिक खाद, बढती मजदूरी ऐसी अवस्था में तुअर और कपास का रोपण किया.

मोर्शी तहसील में किसानों का बेहाल हो गया जिससे किसान निराश हो गया है. ऐसी स्थिति देखकर शासन मोर्शी तहसील के किसानों को तत्काल नुकसान भरपाई दे., ऐसी मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तहसील उपाध्यक्ष रूपेश वालके ने की है.

मोर्शी तहसील के किसानों के खेत मेें तुअर की फसल सूखने की कगार पर है. बदरीला वातावरण के कारण मोर्शी तहसील में तुअर उत्पादक किसानों को जोरदार फटका बैठा है. इस बार सोयाबीन कपास संतरा आदि फसल किसानों के हाथ से चली गई. साल भर संतरे की फसल को संभालने के बाद भी इस साल किसान अडचन में आ गया है. अब किसानों के पास बची खूची तुअर की फसल थी. परंतु मौसम परिवर्तन के कारण तुअर ने भी किसानों के हाथ में तुअर दी . परंतु 15 दिनों से विदर्भ में बदरीला वातावरण के कारण तुअर पर दवाल रोग का प्रभाव पडा है. मौसम में हुए बदलाव के कारण मोर्शी तहसील के हजारों हेक्टर पर तुअर सूख गई है. किसानों की आंबिया बहार का संतरा भी गलने के कारण मोर्शी तहसील में किसान संकट में दिखाई दिया है. किसानों का बडा नुकसान होने के कारण शासन तत्काल कपास तुअर फसल का सर्वेक्षण कर किसानों को नुकसान भरपाई दे. , ऐसी मांग राकांपा के उपाध्यक्ष रूपेश वालके ने की.

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