अमरावती

किसानों की बीमा योजना की अनदेखी

खरीफ सत्र का अनुभव बुरा

* 9 फीसदी किसानों का सहभाग
अमरावती/दि.5- खरीफ सत्र का बीमा न मिलने के अनुभव को देखते हुए रबी सत्र के किसानों ने प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना को कम प्रतिसाद दिया है. लगभग 87 हजार किसानों ने बुआई की है. केवल 7978 किसानों ने फसल बीमा निकाला है. बीमाधारक किसानों का प्रमाण केवल 9 प्रतिशत है.
शासन व्दारा नैसर्गिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान को देखते हुए किसानों को बीमा संरक्षण मिले इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है. 31 दिसंबर तक इस योजना में शामिल होने की अवधि थी. इस योजना में गेहूं के लिए प्रति हेक्टयर 640 रुपए, चना 570 रुपए, प्याज 400 और मूंगफल्ली के लिए 644 रुपए इस तरह फसल निहाय बीमा किश्तों की दर निश्चित की गई. यह योजना कर्जदार तथा बिना कर्जदार किसानों के लिए ऐच्छिक है. फसल बुआई से लेकर फसल निकालने तक अवधि में फसलों के उत्पादन में आने वाली कमी, फसल बुआई, उत्पादन के पूर्व नुकसान, मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति में बारिश में विलंब, सूखा आदि के कारण किसानों के उत्पादन में 50 प्रतिशत कमी आने पर फसल कटाई के बाद नुकसान होने पर व्यक्तिगत स्तर पर पंचनामा कर नुकसान भरपाई दी जाने वाली है. रबी सत्र में जिलेे में लगभग 87 हजार किसानों ने 1 लाख 72 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की है. इसमेें सर्वाधिक बुआई चने की है. 1 लाख 34 हेक्टेयर क्षेत्र में चना, 32 हजार 765 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं तथा 1658 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुआई की गई है. रबी सत्र में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि का अधिक खतरा रहता है. जनवरी माह मेें यह संभावना अधिक रहती है और गेहूं व चने का नुकसान होता है लेकिन जिले के किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का खरीफ सत्र में अनुभव देखते हुए रबी सत्र में इस योजना से मुंह मोड लिया है.

* फसल निहाय बीमाधारक किसान
– चना 6189
– गेहूं 1708
– प्याज 60
– मूंग फल्ली 1

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