अलग-अलग गांवोें के किसानों को मिल रहा कम-अधिक अनुदान
अतिवृष्टि मुआवजे के लिए जिले को मिली 560 करोड रूपयों की निधी
निधी का तहसीलनिहाय आवंटन हुआ, गांवनिहाय वितरण जारी
अमरावती दि.27– इस बार जुलाई माह के पहले सप्ताह से सततधार बारिश का दौर शुरू हुआ और अगले दो माह के दौरान करीब 12 बार अतिवृष्टि दर्ज की गई. जिले के लगभग 84 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि हुई है. जिसके चलते 2,91,919 किसानों के 3.08 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों व फलबागानों का 33 फीसद से अधिक का नुकसान हुआ है. इस हेतु सरकार ने वृध्दिंगत मानक के तहत अमरावती जिले के लिए 560 करोड रूपयों की निधी उपलब्ध करायी है. जिसका वितरण करना शुरू कर दिया गया है. लेकिन इसमें नुकसान के प्रमाण में निधि दिये जाने के तत्व का पालन होने के चलते सभी किसानों को एक समान निधी नहीं दी जा रही, बल्कि जिसका जितना नुकसान हुआ है, उसे उसी हिसाब से नुकसान का मुआवजा दिया जा रहा है. ऐसे में अलग-अलग गांवों के अलग-अलग किसानों को दी जा रही मुआवजे की राशि में काफी अधिक फर्क है. लेकिन इसकी वजह से किसानों में गलतफहमी और असंतोष वाला माहौल है.
जिला प्रशासन के मुताबिक इस बार सिंचित व असिंचित क्षेत्र में मूसलाधार बारिश व बाढ की वजह से बडे पैमाने पर खेती-किसानी व फल बागानों का नुकसान हुआ है. जिसके चलते प्रशासन द्वारा तुरंत ही नुकसान के पंचनामे व सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूर्ण की गई और अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई. पश्चात सरकार ने एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के मानकोें से अधिक राशि नुकसान प्रभावित किसानों को सहायता देने हेतु मंजुर की और अमरावती जिले को 560 करोड रूपये की सहायता राशि उपलब्ध करायी. इस निधी का जिला प्रशासन द्वारा तहसीलनिहाय वितरण किया जा चुका है और सभी तहसील कार्यालयों को नुकसान प्रभावित किसानों के बैंक खाते में यह रकम जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिसके तहत जिस किसान का जितना नुकसान हुआ है, उसे उसी अनुपात में सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है.
बॉक्स, लोकमत से सेटिंग
* किस तहसील में कितने क्षेत्र का नुकसान
तहसील प्रभावित क्षेत्र (हेक्टेयर)
अमरावती 30,665
तिवसा 26,294
चांदूर रेल्वे 20,001
धामणगांव रेल्वे 23,579
नांदगांव खंडे. 23,579
मोर्शी 18,451
वरूड 175
दर्यापुर 20,148
चांदूर बाजार 20,148
धारणी 24,094
चिखलदरा 14,891
कुल 2,56,955
* किसानोें के खाते में कितने रूपये
3 हेक्टेयर की मर्यादा और एनडीआरएफ के वृध्दिंगत मानकों के अनुसार सरकार ने इस बार सहायता राशि उपलब्ध करायी है. 33 फीसद से अधिक नुकसान होनेवाले किसानों को ही नुकसान के प्रमाण में यह निधी उपलब्ध करायी जा रही है.
* सर्वाधिक नुकसान सोयाबीन का
सोयाबीन यह अल्पावधिवाली फसल है. जिसके चलते प्रतिवर्ष प्राकृतिक आपदा में सोयाबीन की फसल का ही सबसे अधिक नुकसान होता है.
– इस वर्ष भी अतिवृष्टि व मूसलाधार बारिश की वजह से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की फसल का नुकसान हुआ है.
* नुकसान लाखों का, अनुदान हजारों का
– आपदा प्रभावित किसानों का लाखों रूपयों का नुकसान हुआ है. जिसकी ऐवज में मिलनेवाली सरकारी निधी बेहद अत्यल्प है.
– सीधी मदद नहीं दिये जाने के चलते अगर 2 लाख रूपयों का नुकसान हुआ है, तो संबंधित किसान को इसके लिए 20 से 25 हजार रूपये की सहायता ही मिल रही है.
आपदा प्रभावित किसानों को सहायता देने हेतु सरकार ने 560 करोड रूपयों की निधी उपलब्ध करायी है और इस निधी को बैंक में जमा करा दिया गया है. इसके साथ ही अधिकांश किसानों के खातें में अनुदान की राशि जमा करायी जा चुकी है.
– अनिल खर्चान
जिला अधीक्षक, कृषि अधिकारी