अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – दिल्ली की सीमा पर तकरीबन 9 महिनों से किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सभी किसानों का तीन कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार की ओर से आंदोलन की दखल नहीं ली गई है. जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है. कृषि कानून रद्द करने व बंद को सफल बनाने का आह्वान करते हुए किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से आज से इर्विन चौक स्थित डॉ.बाबासाहब आंबेडकर पुतले समीप धरना आंदोलन शुरु किया गया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान संपूर्ण देश लॉकडाउन में रहते हुए भी तीनों कृषि कानून पारित किये है. यह किसान व जनता विरोधी है. किसान उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य- 2020 अधिनियम के तहत किसानों के कृषि उपज को समर्थन मूल्य भाव न देते हुए, खुली बाजार व्यवस्था निर्माण करने की छूट निजी कंपनियों को दी गई है. खेतीबाडी का कंपनीकरण किया जा रहा है, लिहाजा तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमा पर देशभर के किसानों ने ठिय्या आंदोलन शुरु रखा है. अब संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए किसान संघर्ष समिति की ओर से आंदोलन शुरु किया है. इस आंदोलन में अशोक सोनारकर, महेश देशमुख, किरण गुडधे, आंनद आमले, वसंत पाटील, दिलीप तायडे, निलकंठ ठोके, यशवंत बादशे, प्रवीण काकडे, सुरेंद्र उमाले, डॉ.रोशन अर्डक, अमीत गावंडे, लक्ष्मणराव धाकडे आदि मौजूद थे.