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लंबे संघर्ष के बाद किसान एकता की हुई जीत

कृषि कानूनों की वापसी पर बोले राज्यमंत्री बच्चु कडू

अमरावती/दि.19- सैंकडों किसानों द्वारा दिये गये बलिदान और अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा लंबे समय तक चले किसान आंदोलन की आज जीत हुई है. जब किसानों की एकता के सामने मोदी सरकार को झूकना पडा तथा अपनी जिद से पीछे हटते हुए कृषि कानूनों को वापिस लेना पडा. यह एक तरह से देश के किसानों के लिए विजय का पल है. इस आशय का प्रतिपादन राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा किया गया है.
केंद्र सरकार द्वारा आज सुबह तीन कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने की घोषणा किये जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों, विशेषकर पंजाब, हरियाणा व पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा जिस तरह से आपसी एकजूटता का परिचय दिया गया और लगातार 14 माह तक सडकों पर रहकर आंदोलन किया गया, वह आजाद भारत के इतिहास में एक तरह से मिसाल है. जिसके आगे खुद को सबसे ताकतवर समझनेवाले प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार को भी झुकना पडा. राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक आगामी दिनों में देश के उत्तरी राज्यों में विधानसभा चुनाव होनेवाले है और इन चुनावों में भाजपा को अपनी हार होने का डर अभी से सताने लगा है, यहीं वजह है कि, भाजपा ने कृषि कानूनों को वापिस लेकर वोटों की राजनीति को साधने का प्रयास किया है. राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक मोदी सरकार का किसानों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है. यहीं वजह है कि, तीनों कृषि कानूनों सहित विभिन्न योजनाओं की आड लेकर किसानों की लगातार लूट जारी है. जिसके तहत खाद्य तेल आयात करते हुए सोयाबीन के दाम ऐन सीझन में गिरा दिये गये. इसी तरह नई फसल की आवक के समय ही तुअर की बडे पैमाने पर आयात की गई. जिससे स्थानीय बाजार में तुअर के दाम भी गिर गये है. जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पडा है.

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