अमरावती

किसानों को बारिश की प्रतीक्षा, फसले संकट में

करीब 20 दिन से बारिश है नदारद

  • फसलें सूखने की कगार पर

अमरावती/दि.17 – जिले में खरीफ का बुआई क्षेत्र करीब 6 लाख 98 हजार 796 हेक्टेयर है. जिसमें से इस बार 6 लाख 78 हजार 501 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुआई हुई है. यह कुल बुआई क्षेत्र की तुलना में करीब 97.10 फीसद है. इस वर्ष बारिश की शुरूआत काफी अच्छी रही, जिसे देखते हुए किसानों द्वारा बुआई निपटा ली गई थी, लेकिन बाद में जून माह के दौरान लंबे समय तक बारिश नदारद रही. जिससे कई स्थानों पर दुबारा बुआई का संकट भी देखा गया. वहीं जुलाई माह के दौरान हुई मुसलाधार बारिश से यद्यपि कुछेक स्थानों पर अतिवृष्टि व बाढ जैसे हालात बने. लेकिन अधिकांश स्थानों पर फसलों के लिए स्थिति शानदार रही. परंतू अब एक बार फिर पिछले करीब 20 दिनों से बारिश गायब है और मौसम पूरी तरह से खुला हुआ है. जिसके चलते गर्मी और उमस में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में अब एक बार फिर खरीफ फसलें संकट में फंसी दिखाई दे रही है और कई स्थानों पर फसलें सूखने की कगार पर जा पहुंची है. जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है.
बता दें कि, इस बार जून व जुलाई इन दो माह के दौरान 423 मिमी. बारिश होना अपेक्षित था. किंतु हकीकत में इस वर्ष 427 मिमी. यानी अपेक्षा से अधिक बारिश हुई है. इसमें भी जुलाई माह में हुई बारिश का प्रमाण काफी अधिक रहा. जिससे खेती-किसानी का काफी हद तक नुकसान भी हुआ. जानकारी के मुताबिक इस बार जिले के 2 लाख 59 हजार 977 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई हुई है. वहीं 2 लाख 27 हजार 103 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुआई हुई है. जुन-जुलाई माह में हुई बारिश के चलते फसलों की स्थिति काफी हद तक अच्छी थी. किंतु अगस्त माह में बारिश ने एक तरह से धोखा देने का काम किया और जारी माह में एक बार भी बारिश नहीं हुई, जबकि इस समय फसलों को बारिश की सख्त जरूरत है और बारिश के अभाव में फसलें सूख रही है. जिसकी वजह से किसानों में काफी हद तक चिंता का माहौल है.

427 मिमी. – अब तक अपेक्षित वर्षा
423 मिमी. – अब तक बरसा पानी
यद्यपि सोयाबीन व कपास की फसलों का अंकुरण काफी अच्छा हुआ है. किंतु बारिश के अभाव में जमीन लगातार सूख रही है. जिसकी वजह से अब फसलें भी सूखने की कगार पर है.

जिले में प्रमुख फसलों का बुआई क्षेत्र

ज्वार – 14,355 हेक्ट.
सोयाबीन – 2,59,441 हेक्ट.
कपास – 2,27,103 हेक्ट.
तुअर – 1,22,478 हेक्ट.
मूंग – 16,444 हेक्ट.
उडद – 5,896 हेक्ट.

जिले में जलसंग्रहण – 60.81 फीसद
लघु प्रकल्प – 5.03 फीसद
मध्यम प्रकल्प – 64.51 फीसद
अप्पर वर्धा प्रकल्प – 61.13 फीसद

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