नागपुर/दि.21- अब गैर मतदाता किसान भी फसल मंडी संचालक मंडल का चुनाव लड़ सकेंगे. इस बारे में संशोधन विधेयक को विधानसभा ने मंगलवार को स्वीकृति दी. विधेयक विपणन मंत्री दादा भुसे ने प्रस्तुत किया था. भुसे ने कहा कि कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों को ही चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिलता. वह कृषि सहकारी सोसाइटी के सदस्य, ग्रामपंचायत सदस्यों को मंडी चुनाव लड़ने का अधिकार है. ऐसे में किसानों को सीधे चुनाव लड़ने का अवसर देने का निर्णय राज्य सरकार ने किया. उन्होंने कहा कि अब कोई भी किसान कृषि समिति का चुनाव लड़ सकेगा. उसे ग्रामपंचायत सदस्य और कृषि सहकारी सोसाइटी के सदस्य को अपने नामांकन में सूचक तथा अनुमोदक बनाना होगा. जिससे वह चुनाव में बतौर उम्मीदवार उतर सकता है.
राकांपा नेता जयंत पाटील ने सुझाव दिया कि कुछ किसान अपना माल अपनी तहसील की फसल मंडी में नहीं बेचते. ऐसे में उन्हें अपनी ही तहसील में चुनाव लड़ने का अवसर कैसे दिया जा सकता है? सरकार को यह नियम बनाना चाहिए कि जो किसान कम से कम तीन वर्ष तक अपने निवास की तहसील अंतर्गत फसल मंडी में माल ेबेचता है, उसे ही संचालक मंडल चुनाव लड़ने का अवसर दिया जाये.
भुसे ने कहा कि सुझाव अच्छा है. नियमावली बनाते वक्त इस बात को भी चर्चा में शामिल किया जाएगा. विधेयक पर हुई चर्चा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार, दिलीप वलसे पाटील, भाजपा के संजय कुटे, हरिभाऊ बागडे समेत अन्य सदस्यों ने हिस्सा लेते हुए कहा कि किसानों को चुनाव लड़ने का मौका देकर राज्य सरकार फसल मंडी में अपने वर्चस्व को बढ़ाने का प्रयास कर रही है.