अमरावती

668 खेत-तालाबों के जरिए किसानों को मिलेगी राहत

असिंचित क्षेत्र में होगी फसलों की सिंचाई की सुविधा

अमरावती/दि.8 – जिले में 80 फीसद कृषि क्षेत्र का समावेश असिंचित क्षेत्र में होता है. ऐसे में बारिश को लेकर अनिश्चिति रहने वाले दौर में ऐसे क्षेत्रों की फसलों को खेत-तालाबों से निश्चित तौर पर फायदा हो सकता है. जिसके चलते कई किसानों द्बारा अपने खेतों में मनरेगा के अंतर्गत खेत-तालाब तैयार किए जा रहे है. बता दें कि, जिले के लिए इस वर्ष 668 खेत-तालाबों का लक्ष्यांक तैयार किया गया है.
ज्ञात रहे कि, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत खेत-तालाब बनाने हेतु अनुदान दिया जाता है. लेकिन मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरी में की गई वृद्धि बेहद अपर्याप्त बताया है. जिले में 80 से 85 फीसद क्षेत्र असिंचित है. इस क्षेत्र में खेती-किसानी पूरी तरह से बारिश पर निर्भर करती है. जिसके चलते बारिश में खंड पडने पर फसले हाथ से ना निकल जाए. इस हेतु सरक्षित सिंचन के लिए पानी देने की सुविधा इन खेत-तालाबों की वजह से किसानों को उपलब्ध होने वाली है. इसके अलावा मनरेगा अंतर्गत इस वर्ष 321 ढलान वाले बांध, 800 समतल चर, 140 एक दूसरे से सटे हुए समतल चर, 1962 केचूआ खाद यूनिट, 1962 नाडेप खाद यूनिट व 65 कुओ का पुनर्भरण किया जाएगा. इसके साथ ही जिले को 1025 खेतों की मेढो पर वृक्ष लगाने तथा 2200 सतत वृक्षारोपण का लक्ष्यांक भी दिया गया है, जिसे पूरा करने पर जिले की खेती-किसानी निश्चित तौर पर समृद्ध होगी.

* तहसील निहाय खेत तालाबों का लक्ष्यांक
अमरावती 48
भातकुली 60
नांदगांव खंडे. 72
चांदूर रेल्वे 48
धामणगांव रेल्वे 48
मोर्शी 50
वरुड 20
तिवसा 10
चांदूर बाजार 72
अचलपुर 48
दर्यापुर 72
अंजनगांव सुर्जी 48
चिखलदरा 36
धारणी 36
कुल 668

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