अमरावती

किसानों को भी खाने के लिए ज्वार खरीदनी होगी

ज्वार का बुआई क्षेत्र घटा

  • इस बार केवल 14,355 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई ज्वार की बुआई

अमरावती/दि.12 – पौष्टिक आहार के तौर पर ज्वार का समावेश किया जाता है और शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य के लिहाज से ज्वारी के सेवन को पसंद भी किया जाता है. वहीं किसी जमाने में ज्वार को गरीबों और मेहनतकशों का भोजन माना जाता था, लेकिन इस बार के खरीफ सीझन में केवल 14 हजार 355 हेक्टेयर क्षेत्र में ही ज्वारी की बुआई हुई है. इसमें भी बारिश के नदारद रहने की वजह से ज्वारी का उत्पादन घटने की पूरी संभावना है. स्थिति यह है कि, इस बार खुद अनाज उगानेवाले किसानों को भी अपने लिए बाजार से ज्वार खरीदनी होगी.
बता दें कि, जिले में सोयाबीन व कपास को प्रमुख और नकद फसल माना जाता है. इसमें भी सोयाबीन को प्रति क्विंटल 8 हजार रूपये से अधिक दाम मिल रहे है. जिसके चलते सोयाबीन के बुआई क्षेत्र में काफी अधिक वृध्दि हुई है. वहीं अन्य फसलों का बुआई क्षेत्र घट गया है. जिले में प्रति वर्ष ज्वार का बुआई क्षेत्र 16 से 20 हजार हेक्टेयर के आसपास रहता है. किंतु इस वर्ष केवल 14 हजार 355 हेक्टेयर क्षेत्र में ज्वार बोयी गयी है और मौसम की वजह से ज्वार का उत्पादन भी कम होने की संभावना है. जिसकी वजह से खुद किसानों को अपने खाने के लिए बाजार से ज्वारी खरीदनी होगी.

बारिश की प्रतीक्षा

जिले में इस वर्ष बारिश के मौसम के शुरूआती दौर में अच्छा-खासा पानी बरसा. जिससे किसानों के चेहरे हर्षाये रहे. वहीं जुलाई माह में हुई बारिश के चलते बीजों का अंकुरण होकर फसलें लहलहाने लगी. किंतु बीते 15-20 दिनों से बारिश पूरी तरह से नदारद है. ऐसे में अब एक बार फिर बडी शिद्दत के साथ बारिश की प्रतीक्षा हो रही है.

सोयाबीन की सर्वाधिक बुआई

जिले में 6 लाख 98 हजार 796 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र है. जिसमें से 6 लाख 78 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रत्यक्ष बुआई हुई है और सर्वाधिक 2 लाख 59 हजार 441 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन बोया गया है.

ऐसे घटा ज्वार का बुआई क्षेत्र (हेक्टेयर में)

2017 – 20,400
2018 – 19,031
2019 – 13,918
2020 – 16,267
2021 – 14,355

किस फसल का कितना बुआई क्षेत्र

फसल     क्षेत्र (हेक्ट.)
ज्वार        14,355
सोयाबीन  2,59,441
कपास      2,27,103
तुअर       1,22,478
मूंग          14,444
उडद          5,896

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