अमरावती /दि. 20– दो साल बाद 2022 का फसल बीमा भरपाई आचारसंहिता लागू होने के पूर्व मंजूर होने से वितरण का मार्ग खुला हो गया है. आचारसंहिता के कारण वितरण में विलंब होनेवाला है, इस कारण किसानों को प्रतीक्षा ही करनी पडेगी. अप्रैल में वितरण के प्रारंभ होने की संभावना बीमा कंपनी द्वारा दर्शाई गई है.
लोकसभा की चुनाव की पृष्ठभूमि पर 1 मार्च को राज्य सरकार ने स्वनिधी जमा करते हुए वितरण का शासनादेश निकाला. लेकिन इसका वितरण अब तक हुआ नहीं है. जिले के 79 हजार 2 किसानों को लाभ मिलनेवाला था. वह 31 मार्च तक करना आवश्यक रहा तो भी वितरण की प्रक्रिया को लगनेवाली कालावधि को देखते हुए विलंब होने की बात स्पष्ट होने लगी है. खरीफ सत्र 2022 व रबी सत्र 2022-23 में कप एंड कैप मॉडल लागू किया गया था. इस मॉडल के मुताबिक 110 प्रतिशत से अधिक नुकसान की भरपाई का दायित्व राज्य शासन को निभाना था. इस सत्र में अमरावती जिले के 79 हजार 2 किसानों के 123 करोड 81 लाख रुपए का मुआवजा राज्य शासन ने स्वनिधी न देने से पिछले दो साल से नहीं मिल पाया था.
लोकसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने बीमा कंपनी को बकाया रहे 231.28 करोड रुपए वितरित करने के लिए 1 मार्च को शासनादेश जारी कर मंजूरी दी थी. इसमें राज्य सरकार के 115 करोड 35 लाख रुपए का हिस्सा है. 2022 में खरीफ व रबी सत्र में जिले के 1 लाख 24 हजार 447 किसानों ने स्थानीय नैसर्गिक आपदा व बुआई पश्चात हुए नुकसान की भरपाई के लिए पूर्वसूचना दाखिल की थी. इसमें से 29 हजार 783 आवेदन ठुकराए गए. 94 हजार 664 किसानों की भरपाई मंजूर की गई. इसमें से 2479 किसानों को एक हजार रुपए से कम भरपाई मंजूर की है. इस वर्ष खरीफ के कपास, सोयाबीन, ज्वारी, चावल, मूंग व उडद आदि फसलों की नुकसान भरपाई मंजूर है. तुअर का इसमें समावेश नहीं है.
* फसलनिहाय नुकसानग्रस्तो की न मिली भरपाई
फसल राशि (करोड) किसानों की संख्या
कपास 19.32 16042
सोयाबीन 43.53 34337
ज्वारी 00.10 152
चावल 00.36 20
उडद 17.28 9026
मूंग 43.46 19425