पांचवें दिन भी अनशन जारी, चुनाव में सिखायेंगे सबक
विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संगठन का आंदोलन
अमरावती/दि.11– विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संगठन का पुनर्वास व सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों के लिए 7 मार्च से शुरू अनशन आंदोलन पांचवे दिन भी जारी रहा. आंदोलक मनोज चव्हाण ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नामोल्लेख कर कहा कि 15 जनवरी को सुखद समाचार देने का वादा हवाहवाई हो गया. इसलिए अब आंदोलक कठोर हो जायेंगे. नेताओं को घूमने नहीं देंगे. सरकार को भी लोकसभा चुनाव में सबक सिखाया जायेगा. आज भी जिलाधीश कार्यालय के सामने अनशन पंडाल में महिलाओं सहित सैकडों प्रकल्पग्रस्त न केवल मौजूद है बल्कि आंदोलित हैं. उद्बेलित हैं.
* 14 लोग अस्पताल में
पुनर्वास और जमीन का बढाकर मुआवजा देने की मांग लेकर भूख हडातल कर रहे आंदोलनकारियों को रविवार शाम तबियत बिगडने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. दूसरे दिन भी उन लोगों का उपचार जारी रहने की जानकारी अध्यक्ष मनोज चव्हाण ने मंडल न्यूज को दी. चव्हाण और साथी प्रकल्पग्रस्तों का रूख बडा कठोर रहा. उन्होंने कहा कि पांच दिनों से आंदोलन चल रहा हैं. फिर भी कोई जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी अब तक अनशन पंडाल में नहीं पहुंचा है.
* पूरे विदर्भ के लोग आंदोलन में
मनोज चव्हाण ने दावा किया कि विदर्भ के प्रकल्पग्रस्त आंदोलन में शामिल हो गये हैं. सरकार ने 6 जून 2006 के जीआर के अनुसार कौडियों के मोल किसानों की जमीन बांध के लिए कहकर ले ली. जबकि 1894 का भूमि अधिग्रहण कानून अस्तित्व में था. सरकार से जमीन का आज की रेट में मुआवजा मांगने के साथ इन अनशनकर्ताओं ने प्रकल्पग्रस्तों हेतु 5 प्रतिशत आरक्षणपूर्ति की मांग की है. बेहतर पुनर्वास की मांग भी रखी गई. साथ ही आंदोलनकारियों ने कहा कि 7-8 वर्षो से संघर्ष चल रहा है. डीसीएम फडणवीस ने आश्वासन दिया था. वह पूरा नहीं हुआ है इसलिए लोकसभा चुनाव में परिणाम भुगतना पड सकता है.