अन्याय के विरोध में टोल नाका के निलंबित कर्मचारी का अनशन
दूसरे दिन भी प्रशासन की तरफ से कोई नहीं पहुंचा
अमरावती/दि.21- नांदगांव पेठ के टोल नाका पर पिछले 10 साल से सुपरवाइजर व ऑपरेटर के रुप में कार्यरत रहनेवाले दो कर्मचारियों को टोल व्यवस्थापन व्दारा काम से हटाने पर इस अन्याय के विरोध में दोनों कर्मचारियों ने सोमवार से अनशन शुरु किया है. आज दूसरा दिन रहने के बावजूद अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है.
1 मार्च को वाहन संचालक व्दारा टोल नाका पर हंगामा किए जाने के बाद सुपरवाइजर गौरव राठोड और ऑपरेटर अमोल मोर्शे उसमे शामिल रहने का कारण सामने करते हुए उन पर मामले दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई टोल व्यवस्थापन व्दारा की गई. इसके अलावा यहां के कर्मचारियों के साथ भेदभावा वाला बर्ताव किए जाने का आरोप भी गौरव राठोड व अमोल मोर्शे ने किया है. 10 साल तक ईमानदारी से टोल नाका पर काम करने के बाद भी टोल व्यवस्थापन कर्मचारियों के पक्ष में न रहते हुए गुंडा प्रवृत्ति के लोगों का पक्ष लेता रहने से सोमवार से दोनों कर्मचारियों ने अनशन शुरु किया है. पुलिस में दर्ज किए गए झूठे मामले वापिस लेेने, की गई बदनामी के प्रति माफी मांगने निलंबन रद्द कर काम पर वापिस लेने तथा टोल वसूली के लिए गुंडा प्रवृत्ति के लोगों की सहायता न करते पुलिस से सहायता लेने का निवेदन गौरव राठोड व अमोल मोर्शे ने प्रशासन को दिया है. लेकिन इस पर अब तक कोई हल न निकलने से उन्होंने सोमवार से टोल नाके के पास ही अनशन शुरु किया है. जब तक मांगे पूर्ण नहीं हो जाती तब तक अनशन जारी रखने की चेतावनी दोनों कर्मचारियों ने दी है. इस अवसर पर प्रहार के संजय देशमुख, राजू चिरडे, बलवीर चव्हाण, सत्यजीत राठोड, श्रीकांत आखरे, अक्षय आमले, सौरभ बैस, शरद भगत, प्रशांत इंगोले, श्याम जोशी, अंकुश गायकवाड, अमल रघुवंशी, सूरज राठोड, गणेश सुरजुसे, नितिन सत्रे ने अनशन मंडप को भेंट दी.