अमरावती

किडनी देकर पिता ने दिया पुत्र को जीवनदान

सुपर में यूरो विशेषज्ञों ने किया 16 वां सफल ऑपरेशन

अमरावती- दि. 8 स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल, सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में पुन: एक सफल किडनी प्रत्यारोपण संपन्न हुआ. उल्लेखनीय है कि अस्पताल का यह 16 वां किडनी प्रत्यारोपण ऑपरेशन था. सुपर हॉस्पिटल व शहर वासियों के लिए यह गर्व की बात है.
64 वर्षीय पिता गजानन नत्थुजी ठाकरे ने अपने पुत्र प्रेम के वशीभूत होकर अपनी किडनी दान करके पुत्र को जीवन दान दिया.. हिंगणी बु. (तहसील तेल्हारा जि. अकोला) निवासी योगेश गजानन ठाकरे(30) नामक युवक पिछले कुछ दिनों से डॉ. अविनाश चौधरी, नेफ्रॉलॉजिस्ट के पास किडनी का उपचार व डायलिसिस ले रहा था. अकोला के डॉ. तरंग तुषारवारे, वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अमोल नरोटे, विशेष कार्याधिकारी डॉ. निलेश पाचबुध्दे की पहल पर व मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन सफल हुआ.
सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के समक्ष उद्देश्य ब्रेन डेथ पेशंट का अवयवदान पूर्ण करके जरूरतमंद मरीज को प्रत्यारोपण करके जीवन दान देना है. ऐसा वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. नरोटे ने कहा.
अस्पताल के डॉ. राहुल पोटोडे, डॉ. विक्रम देशमुख, डॉ. विशाल बाहेकर, डॉ. सुधीर धांडे ने सर्जन के रूप में काम देखा. इसमें यूरो सर्जन की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका थी. वहीं नेफ्रॉलॉजिस्ट डॉ. अविनाश चौधरी, डॉ. प्रणीत काकडे, डॉ. स्वप्रिल मोलके ने व अनेस्थेशिएस्ट के रूप में डॉ. जफर अली, डॉ. प्रणित घोनमाडे, डॉ. बालकृष्ण बागवाले, डॉ. रोहित हातगांवकर, डॉ. राजेन्द्र नेमाडे ने काम देखा. किडनी प्रत्यारोपण की पूर्व तैयारी, वैद्यकीय रिपोर्ट, कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करना तथा संपूर्ण प्रस्ताव राज्य प्राधिकरण समिति, यवतमाल को अनुमति हेतु प्रस्तुत करना इसके लिए किडनी ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर , डॉ. सोनाली चौधरी व समाजसेवक अधीक्षक सतीश वडनेरकर की महत्वपूर्ण भूमिका थी. मेट्रन चंदा खोडके के मार्गदर्शन में नर्सिंग स्टाफ माला सुरपान, ज्योती काले, इंचार्ज सिस्टर अनिता मडके, कविता बेरड, संगीता आष्टीकर आदि ने शल्यक्रिया विभाग व अतिदक्षता विभाग में काम देखा.
राज्य प्राधिकरण समिति, यवतमाल द्बारा प्रस्ताव की छंटनी करके अनुमति दी गई थी. पश्चात किडनी ट्रान्सप्लांट सफल होने के लिए डॉ. अंजू दामोधरे, डॉ. अभिजीत दिवेकर, डॉ. माधवी कासदेकर, ज्योतिबा फुले, जन आरोग्य योजना के डॉ. रेणुका वडुलेकर, विजय मोरे, अमोल वाडेकर, श्रीधर ढेंगे, शीतल बोंडे, पंकज बेलुरकर, उसी प्रकार अस्पताल के सभी डॉक्टर्स, नर्सेस, तांत्रिक कर्मचारी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सहयोग मिला. महाराष्ट्र शासन की महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के अंतर्गत यह ऑपरेशन मुफ्त में किया गया.

 

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