अमरावती

लापता युवती के पिता ने थाने में किया आत्मदाह का प्रयास

पुलिस पर दिल्ली आने-जाने हेतु डीजल खर्च मांगने का लगाया आरोप

* 4 माह से गाडगे नगर थाने के चक्कर काटकर थक चुका था मजबूर पिता
* गुमशुदा बेटी की कोई खोज खबर नहीं मिलने से था हैरान-परेशान
अमरावती/दि.25– 4 माह से लापता रहने वाली अपनी बेटी का पता चल जाए और उसकी कोई खोज-खबर मिले, इस हेतु विशाल साहू नामक व्यक्ति 4 माह से लगातार गाडगे नगर पुलिस थाने के चक्कर काट रहा था. शनिवार की सुबह गाडगे नगर थाने के पुलिस कर्मचारियों ने विशाल साहू को यह संदेश देते हुए पुलिस थाने बुलाया कि, उन्हें गुमशुदा युवती की तलाश में दिल्ली जाना है. परंतु रात के 8 बजने तक कोई भी पुलिस कर्मी दिल्ली जाने का नाम भी नहीं ले रहा. यह बात ध्यान में आते ही विशाल साहू ने इस बारे में पूछताछ की, तो उन्हें बताया गया कि, दिल्ली जाने वाले पुलिस पथक के सरकारी वाहन में लगने वाले डीजल और आने जाने के दौरान भोजन पर होने वाले खर्च की रकम उन्हें यानि विशाल साहू को देनी होगी. यह सुनते ही 4 माह से पुलिस थाने के चक्कर काट-काट कर थक चुके विशाल साहू ने अपने साथ लाया पेट्रोल अपने उपर उंडेल लिया और खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया. इस घटना के चलते गाडगे नगर पुलिस थाने में काफी देर तक तनाव एवं हडकंप वाली स्थिति रही.
जानकारी के मुताबिक गाडगे नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले विशाल साहू नामक व्यक्ति की बेटी 4 माह पहले घर में रखी नगद रकम तथा आभूषण सहित 15 से 20 लाख रुपए का साजो-सामान लेकर अपने घर से निकल गई थी. जिसके बारे में विशाल साहू ने गाडगे नगर पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके आधार पर गाडगे नगर पुलिस ने लडकी के गुमशुदा होने की का मामला दर्ज किया. जिसके बाद बेटी का पता लग सके. इस हेतु विशाल साहू ने अगले 2 महिने तक गाडगे नगर पुलिस थाने के चक्कर काटे. लेकिन लडकी का कही कोई पता नहीं चला. जिसके बाद पुलिस ने विशाल साहू द्बारा दी गई शिकायत के आधार पर उक्त लडकी के खिलाफ चोरी का अपराध दर्ज करते हुए उसकी तलाश करनी शुरु की. इसके तीन महिने बाद पता चला कि, उक्त युवती आगरा के ग्रामीण क्षेत्र में है. जिसके बाद मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने विशाल साहू को इसकी जानकारी दी और उन्हें आगरा जाने हेतु अगले दिन पुलिस थाने बुलाया. जिसके मुताबिक साहू दूसरे दिन पुलिस थाने पहुंचे. परंतु उन्हें अपने साथ ले जाने की बजाय जांच अधिकारी अपनी टीम के साथ आगरा चले गए और कुछ दिन बाद वहां से वापिस लौटे. परंतु उन्होंने विशाल साहू को आगरा से लौटने के बाद उनकी बेटी के बारे में कोई खास जानकारी नहीं थी. ऐसे में साहू ने पुलिस थाने मेें लगातार चक्कर काटने जारी रखे. इसके पश्चात 16 सितंबर को आगरा से किसी महिला का सिटी कोतवाली पुलिस थाने में फोन आया. जिसने विशाल साहू की बेटी का नाम लेकर कुछ बताने का प्रयास किया. परंतु वह कोई जानकारी दे पाती, उससे पहले ही फोन कट गया. पश्चात कोतवाली पुलिस ने इस बात की जानकारी गाडगे नगर पुलिस को दी और गाडगे नगर थाने में ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस कर्मचारी ने यह जानकारी विशाल साहू को दी. जिसके चलते साहू ने एक बार फिर थाने के चक्कर काटने शुरु किए और आखिरकार शनिवार की सुबह दिल्ली रवानगी की बात तय हुई तथा साहू को सुबह 10 बजे पुलिस थाने बुलाया गया. जिसके चलते विशाल साहू अपने पास रास्ते के चिल्लर खर्च हेतु कुछ पैसे साथ लेकर शनिवार की सुबह पुलिस थाने पहुंच गए. परंतु दोपहर 3 बजे तक दिल्ली जाने वाले पुलिस पथक की कोई तैयारी व हलचल नहीं दिखी, तो उन्होंने इस बारे में जांच अधिकारी से पूछताछ की. तब उन्हें बताया गया कि, शाम 7 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुआ जाएगा. ऐसे में विशाल साहू दोपहर से लेकर रात तक पुलिस थाने में ही बैठे रहे और उन्होेंने रात 8 बजे एक बार फिर पुलिस वालों से दिल्ली की रवानगी के बारे में पूछा, तो एक कर्मचारी ने विशाल साहू को बताया कि, तुम्हें दिल्ली आने-जाने हेतु पुलिस के वाहन में डीजल डलवाने के साथ ही पुलिस पथक के भोजन-पानी का खर्च भी उठाना पडेगा. यह सुनते हुए बेटी की खोज-खबर हेतु 4 माह से पुलिस थाने के चक्कर काट रहे विशाल साहू के सब्र का बाण टूट गया और उन्होंने अपने दुपहिया वाहन की डिक्की में रखी पेट्रोल की कैन निकालकर उसे खुद पर उंडेल लिया और खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया. यह बात ध्यान में आते हुए पुलिस थाने में मौजूद पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में हडकंप मच गया तथा पुलिस कर्मचारियों ने तुरंत हरकत में आकर विशाल साहू के हाथ से पेट्रोल की कैन व माचीस छीनकर उसके प्रयास को असफल किया. इसके साथ ही इस घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. जिन्होंने विशाल साहू से चर्चा करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि, गणपति विसर्जन के बाद उनकी बेटी को खोजने हेतु गाडगे नगर थाने का दल दिल्ली जाएगा. साथ ही इस बात को लेकर भी आश्वस्त किया गया कि इस घटना को लेकर विशाल साहू के खिलाफ किसी भी तरह का कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाएगा.
* जांच हेतु जाने वाले पुलिस पथक को मिलता है यात्रा भत्ता
विशेष उल्लेखनीय है कि, पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज रहने वाले किसी भी तरह के अपराधिक मामले की जांच हेतु राज्य सहित अन्य राज्य के किसी भी तरह में जाने हेतु पुलिस पथक को यात्रा भत्ता अथवा एसटी या रेल्वे का वारंट मिलता है. परंतु अन्य खर्च उन्हें खुद अपनी जेब से करने पडते है. संभवत: यहीं वजह है कि, पुलिस कर्मचारी किसी भी मामले की जांच हेतु दूसरे शहरों या बाहरी राज्यों में जाने से टाल-मटोल करते है. ताकि इस पर होने वाले खर्च से बचा जा सके.

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