अमरावती

पहाडियां ढहने से दुर्घटना का डर

टायगर प्रोजेक्ट नियमों के आगे सार्वजनिक निर्माण विभाग ने घुटने टेके

चिखलदरा प्रतिनिधि/दि.२४ – वन और टायगर प्रोजेक्ट के कडे नियमों के आगे सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने भी घुटने टेक दिये है. परंतु पहाडी ढहने के कारण गिरने वाले बडे-बडे पत्थर से बडी दुर्घटनाएं होने का खतरा बना हुआ है. तहसील के घटांग से काटकुंभ तक का रास्ता ४० गांव के आने जाने वाले नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है. मेलघाट टायगर प्रोजक्ट की सीमा बढ जाने के कारण स्थानीय नागरिको समेत गांव को जोडने वाले रास्ते को भी जोरदार झटका लगा है. दो वर्षों से जंगल से जाने वाले मुख्यालय समेत गांव को जोडने वाले सभी रास्ते गह्ने युक्त हो चुके है. नविनीकरण, रास्ते के चौडाई करण काम को वन व टायगर प्रोजेक्ट के कडे नियमों के कारण अनुमति नहीं मिली थी. जबकि संरक्षित और अतिसंरक्षित परिक्षेत्र घोषित किये जाने के कारण यहां के पत्थर को भी हाथ लगाने की अनुमति नहीं है. जिसके कारण परतवाडा, घटांग से काटकुंभ से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सरहद तक जाने वाला यह रास्ता लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. इस बारे में बार-बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता, ऐसी शिकायत नागरिकों व्दारा की हैं.

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