अमरावती

मनपा अधिकारियों में फैला प्रशासकीय जांच का भय

निजी शौचालय घोटाला मामले को लेकर चल रही जांच

अमरावती  प्रतिनिधि/दि.३ – स्थानीय मनपा के बडनेरा झोन में उजागर हुए निजी शौचालय घोटाला मामले की प्रशासकीय जांच शुरू होने के चलते इस झोन सहित मनपा मुख्यालय के कई अधिकारियों में भय का माहौल है और कई अधिकारी बेहद हडबडाये ढंग से इस मामले से संबंधित दस्तावेजों को बार-बार देखते हुए उन्हें खंगाल रहे है. बता दें कि, इस मामले में सहायक आयुक्त सहित स्वच्छता निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटीस जारी की गई है. ज्ञात रहे कि, बडनेरा झोन अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय मामले में दो तरह के घोटाले उजागर हुए है. पहले मामले में ७४ लाख रूपये के फर्जी बिलों को मनपा अधिकारियों के हस्ताक्षर व मुहर के साथ जारी करवाने का प्रयास किया गया, जो असफल रहा. जिसके बाद इस झोन के सभी व्यवहारों की जांच करने पर दूसरा घोटाला उजागर हुआ. जिसमें पता चला कि, सात ठेकेदारों ने मनपा की तिजोरी से करीब २ करोड ४९ लाख रूपयों का अपहार किया है. यह अपहार मनपा के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर किये जाने का संदेह व्यक्त होने पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने प्रशासनिक कार्रवाई के साथ ही फौजदारी कार्रवाई भी शुरू की और इसके पहले चरण के तहत जीन-जीन अधिकारियों के इन फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर पाये गये, उन सभी अधिकारियों से लिखित खुलासा मांगा गया और विगत दो दिनों के दौरान उन्हें कारण बताओ नोटीस भी जारी की गई. ऐसे में इस नोटीस का जवाब देने से पहले सभी अधिकारियों को इस मामले से संबंधित मूल दस्तावेज देखने है. उपायुक्त सुरेश पाटिल के नेतृत्ववाली तीन सदस्यीय समिती इस घोटाले की जांच कर रही थी और जांच के दौरान इस घोटाले से संबंधित हर एक दस्तावेज संबंधित अधिकारियों को दिखाया जा चुका था, लेकिन कारण बताओ नोटीस मिलने के बाद कई अधिकारियों ने दुबारा दस्तावेज दिखाये जाने की मांग की है. जिससे स्पष्ट पता चल रहा है कि, इन अधिकारियों में कारण बताओ नोटीस को लेकर जबर्दस्त भय व्याप्त है. मनपा में उजागर हुए २ करोड ४९ लाख रूपयों के अपहार मामले में मनपा अधिकारियों का समावेश है अथवा नहीं, और इस मामले में कौन-कौन से अधिकारी शामिल है, यह बहुत जल्द स्पष्ट हो जायेगा.

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