सोने पर आयात शुल्क बढने की आशंका, सराफा चौकन्ना
वित्त मंत्री से बजट को लेकर सभी की ढेर सारी अपेक्षाएं
* आयकर कानूनों में बडे बदलाव की उम्मीद
अमरावती /दि.21– 10 दिनों बाद देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन अपना लगातार 8 वां अर्थ संकल्प प्रस्तुत करने जा रही है. जिसके लिए अमरावती के व्यापारियों और कर सलाहकारों ने अपेक्षित प्रावधान प्रस्तुत किये हैं. इस बीच सराफा के प्रमुख कारोबारियों ने आशंका जतायी कि, सोने पर आयात शुल्क बढाया जा रहा है. पिछली बार आयात शुल्क कम किया गया था. जिससे सरकार को सोने के व्यापार के अधिकृत होने की आशा थी. कहा जा रहा है कि, वह आशा कम हो जाने से वित्तीय घाटे को कम करने के लिए निर्मला सीतारामन पुन: दहाई में आयात शुल्क बढाने जा रही है. ऐसा होने पर सोने के मौजूदा प्रति 10 ग्राम 81 हजार के रेट 90 हजार हो जाने की संभावना है. जिससे छोटे व्यापारियों के बिजनेस पर भारी असर होने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं. ऐसे में सराफा के अधिकांश व्यापारी उम्मीद जता रहे हैं कि, वित्त मंत्री महोदया सोने पर आयात शुल्क फिलहाल यथावत 6 प्रतिशत रखे. इससे पहले यह शुल्क 14 प्रतिशत था. सोने के दाम में वैश्विक स्तर पर बडी तेजी आयी हुई है. जिसके कारण वर्षभर में सोना 20 से 25 प्रतिशत महंगा हो गया है. उधर चार्टर्ड अकाउंटंट का मानना है कि, इस बार बजट सरकार और जनता के लिए विनविन परिस्थिति वाला हो सकता है. उसी प्रकार आयकर विधेयक में महत्वपूर्ण बदलाव की अपेक्षा भी कर सलाहकार कर रहे हैं.
* ‘बजट 2025- सरकार और जनता के लिए विन-विन हो ‘
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सरकार और जनता के बीच एक पुल की भूमिका निभाते हैं. उनकी नजर में बजट ऐसा होना चाहिए, जो सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाए. बजट 2025 से अपेक्षाएं की जा सकती हैं: 1. सभी वर्गों के लिए समान अवसर और कर राहत आयकर स्लैब में बदलाव और छूट सीमा बढ़ाई जाए ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिल सके और निम्न वर्ग के लिए अधिक वित्तीय स्वतंत्रता का रास्ता खुले. पिछले बजट में यह कदम स्वागत योग्य था और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. 2. पर्यावरणीय स्थिरता और हरित विकास पिछले बजट में हरित ऊर्जा और सतत विकास को प्राथमिकता दी गई थी. इस बार हरित परियोजनाओं, स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं लाई जानी चाहिए. 3. शिक्षा और कौशल विकास में निवेश डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष आवंटन किया जाए. इससे युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकेंगे. 4. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने पर जोर दिया जाए. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को और प्रभावी बनाया जाए. संक्षेप में, बजट 2025 एक ऐसा दस्तावेज हो, जो सरकार और जनता दोनों के लिए लाभकारी हो. यह ‘विन-विन‘ स्थिति पैदा करे, जहां जनता को राहत मिले, और सरकार के राजस्व लक्ष्यों का संतुलन भी बना रहे. बजट 2025 जनता और सरकार के लिए संतुलनकारी और विकासशील साबित हो.
– सीए श्रद्धा अग्रवाल.
* बजट से करदाताओं और एमएसएमई क्षेत्र की उम्मीदें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2025 को पेश किए जाने वाले बजट से हर वर्ग की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं. खासकर व्यक्तिगत करदाताओं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए यह बजट बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए, बजट से कुछ खास अपेक्षाएं हैं:
व्यक्तिगत करदाताओं की अपेक्षाएं: 1. आयकर स्लैब में बढ़ोतरी: मध्यम वर्गीय परिवारों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है. उम्मीद की जा रही है कि कर मुक्त आय की सीमा को ?5 लाख से बढ़ाकर ?7.5 लाख या ?10 लाख तक किया जाएगा. इससे लोगों के हाथ में अधिक धन रहेगा और उपभोग को बढ़ावा मिलेगा. 2. धारा 80सी की सीमा बढ़ाना: वर्तमान में ?1.5 लाख की सीमा कई सालों से अपरिवर्तित है. इसे ?3 लाख तक बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि लोग बचत और निवेश को प्राथमिकता दे सकें. इससे अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा. 3. स्वास्थ्य और शिक्षा पर राहत: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और शिक्षा ऋण पर कर छूट की सीमा को बढ़ाकर वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए. कोरोना महामारी के बाद बढ़ी हुई स्वास्थ्य देखभाल लागत को ध्यान में रखते हुए, यह कदम आवश्यक है. 4. मानक कटौती में वृद्धि: वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को ?50,000 से बढ़ाकर ?1 लाख किया जाना चाहिए. यह उन्हें अतिरिक्त कर राहत प्रदान करेगा.
एमएसएमई क्षेत्र की अपेक्षाएं: 1. जीएसटी प्रक्रिया को सरल बनाना: छोटे और मझोले व्यवसायों को जीएसटी अनुपालन में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ई-इनवॉयसिंग, समय पर रिफंड और कम ब्याज दरों पर कार्यशील पूंजी की उपलब्धता जैसे सुधार जरूरी हैं. 2. क्रेडिट की उपलब्धता: एमएसएमई के लिए सस्ते और आसानी से उपलब्ध ऋण उनकी वृद्धि का आधार बन सकते हैं. सरकार को क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (उॠढचडए) के तहत ऋण सीमा को बढ़ाने और ब्याज सब्सिडी जैसी योजनाओं को लागू करना चाहिए. 3. डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास: डिजिटल इंडिया मिशन के तहत, एमएसएमई के डिजिटलीकरण के लिए सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए. इससे उनकी उत्पादकता बढ़ेगी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने की क्षमता भी विकसित होगी. 4. आयकर दरों में कमी: एमएसएमई के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दरें और कम की जानी चाहिए, ताकि उनके पास पुनर्निवेश के लिए अधिक पूंजी उपलब्ध हो.
समग्र दृष्टिकोण: 2025 का बजट एक ऐसा अवसर है, जो आम जनता और छोटे व्यवसायों की वित्तीय सेहत को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठा सकता है. महंगाई, वैश्विक मंदी और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों के बीच, सरकार को इस बजट को विकासोन्मुख और समाजोन्मुख बनाने की जरूरत है. यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन इस बजट में किस प्रकार संतुलन बनाकर देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए कदम उठाती हैं.
– सीए पराग लखोटिया.
* आयकर से जुड़ी और अनेक उम्मीदें
बजट 2025 1 फरवरी 2025 को पेश होने की उम्मीद है. हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर तारीख की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन परंपरा के अनुसार इसे 1 फरवरी को पेश किए जाने की उम्मीद है. जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, नागरिकों में सरकार की ओर से बड़े बदलावों के लिए उत्साह बढ़ता जा रहा है. बजट 2025 का एक बड़ा फोकस करदाताओं पर करों का बोझ कम करना होगा. इस सिलसिले मे आयकर मे कुछ परिवर्तन अपक्षित है जैसे की न्यू टैक्स व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव के मामले में करदाताओं को राहत मिलेगी नई व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये होने की उम्मीद है. इस ही तरह रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास को ध्यान मे रखते हुए सरकार होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर सकती है. स्टार्ट उप कंपनियों को प्रोत्साहन देने के हेतु टैक्स रेट मे कटोती की जाने की अपेक्षा हम इस बजट से कर सकते है. कुल मिलाकर यह बजट ’अमृत काल’ और ’विकसित भारत’ पर केंद्रित होगा और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और विकसित करने का प्रयास करेगा.
– सीए हर्ष रतन शर्मा.