अमरावती

अमरावती के साथ ही परतवाडा व जरुड में तेंदूए व बाघ की दहशत

बहिरम मंदिर के आसपास घूम रहा तेंदूआ

* जरुड के इसंब्री मार्ग पर दिखा बाघ
अमरावती/दि.19– इस समय अमरावती शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में तेंदूए व बाघ जैसे वन्य प्राणियों की अच्छी खासी दहशत देखी जा रही है. जहां विगत 15 दिनों से अमरावती शहर के पाठ्यपुस्तक महामंडल के आसपास तेंदूआ घूमता दिखाई दे रहा है. वहीं परतवाडा के निकट बहिरम बाबा मंदिर के पास तेंदूआ तथा वरुड तहसील अंतर्गत जरुड से इसंब्री की ओर जाने वाले मार्ग पर बीती रात बाघ दिखाई दिया है. जिसके चलते शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में इन वन्यप्राणियों की अच्छी खासी दहशत देखी जा रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 17 अक्तूबर की रात 10 बजे के आसपास बहिरम बाबा मंदिर परिसर में तेंदूआ घूस गया. जिसे देखते ही मंदिर परिसर में रहने वाले लाल मूंह के बंदरों ने जमकर शोरगुल करना शुरु किया. जिसे सुनकर मंदिर के चौकीदार सतर्क हो गए. तब उन्हें उक्त तेंदूआ मंदिर के चारों ओर घूमने के बाद मंदिर की पायरों से उतरते हुए जंगल की तरफ जाता दिखाई दिया. बता दें कि, इससे पहले भी 2 अगस्त को बहिरम मंदिर परिसर के सीसीटीवी कैमरे में तेंदूए के फूटेज कैद हुए थे और तब से लेकर अब तक उक्त तेंदूआ करीब 4 बार मंदिर में आ चुका है.

साथ ही बहिरम यात्रा परिसर व आसपास के इलाकों में यह तेंदूआ 11 बार दिखाई दे चुका है. आश्रम शाला के आसपास तक पहुंचने वाले इस तेंदूए ने अब तक क्षेत्र के गवली समाज के कई पालतू मवेशियों को घायल करने के साथ ही कई आवारों कुत्तों का शिकार भी किया है. ऐसे में इस परिसर में तेंदूए की अच्छी खासी दहशत देखी जा रही है तथा सीताफल बागान में काम करने वाले मजदूरों को पूरी रात जागकर निकालनी पड रही है. साथ ही इस परिसर में रहने वाले लोगबाग तेंदूए को डराकर भगाने के लिए पटाखे चला रहे है. जिसके चलते इस परिसर में दीपावली से पहले ही पटाखों की गूंज सुनाई दे रही है.

वहीं दूसरी ओर जरुड गांव के निकट सुधीर देशमुख के खेत में बाघ दिखाई देने और उसकी दहाड सुनाई देने की चर्चा से पूरे क्षेत्र में हडकंप व्याप्त है. पता चला है कि, जरुड इसंब्री मार्ग पर एक बार में काम करने वाले रुपेश सुहागपुरे को मंगलवार की रात 10 बजे के आसपास बाघ की दहाड सुनाई दी. जिसके चलते उसने टॉर्च लेकर खेत में नजर दौडाई, तो उसे कुछ ही दूरी पर एक बाघ दिखाई दिया. जिसे देखकर रुपेश सुहागपुरे के पसीने छूट गए और वह वहां से भाग निकला. उल्लेखनीय है कि, शनिवार को ही शेंदूरजनाघाट में रहने वाले माधव बानाईत नामक किसान की किसी वन्य प्राणी द्बारा किए गए हमले में मौत हुई थी. जिसे लेकर अब तक यह संभ्रम बना हुआ है कि, उक्त वन्य प्राणी बाघ था या तेंदूआ. वहीं दूसरी ओर विगत शुक्रवार को एक भालू की रेलगाडी की चपेट में आकर मौत हो गई थी तथा उसकी मादा भालू इसी परिसर में घूम रही है. ऐसे में इस परिसर में वन्य प्राणियों को लेकर अच्छी खासी दहशत देखी जा रही है

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