अमरावती

लॉकडाउन से घबराए परप्रांतीय मजदूर लौट रहे अपने घरों को

उद्योग जगत पर कोरोना का असर

अमरावती/दि.25 – जिले के केवल अमरावती मनपा क्षेत्र और अचलपुर तहसील में ही प्रशासन ने लॉकडाउन की घोषणा की है. इस बार भले ही लॉकडाउन सख्ती नहीं बरती है, लेकिन यह लॉकडान पिछली बार की तरह 7 दिन कहते-कहते लंबा चला तो खाने के वांदे होंगे. इस बात से घबराए परप्रांतीय श्रमिक वर्ग अपने घर लौट रहा है. जिसके कारण अब उद्योग व कारखाने पर मुसीबत का पहाड टूटने लगा है.
जिला प्रशासन ने आखिरी पर्याय स्वरुप लॉकडाउन की घोषणा की. पिछले साल केंद्र सरकार ने भी इसी तरह पहले 15 दिन, फिर और 15 दिन, फिर 15 दिन इस प्रकार से लॉकडाउन बढाया था. उस समय शहर के उद्योग क्षेत्र एमआईडीसी, नांदगांवपेठ एमआईडीसी में काम करने वाले मजदूर लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे. लेकिन जब लॉकडाउन नहीं खुला और पास की जमापूंजी खत्म होने लगीत तो वह मजदूर पैदल ही अपने घर को निकल गए थे. इस बार हालात ओर स्थिती अलग है. लेकिन फिर भी पूर्व के अनुभवों को देखते हुए मजदूर इस बार कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. यही कारण है कि अनलॉक के बाद अपने घर से काम की तलाश में वापस आये उन मजदूरो ने अपने घर लौटना ही उचित मान लिया है. वे अपने घर लौट भी रहे है.
फिलहाल शहर में संचारबंदी लागू है. इस कारण शहर के बस डिपो से बसे भी रवाना नहीं हो रही है. ऐसे में इन मजदूरों को अपने घर लौटने के लिए जो साधन मिले उससे जाने के लिए यह मजदूर तैयार हो रहे है. हर रोज यह मजदूर पहले रेलवे स्टेशन और बाद में बस स्थानक पर दिखाई दे रहे है.
रेलवे से यात्रा के लिए यात्रियों को आरक्षित टिकट जरुरी रहने से इन मजदूरों को रेलवे में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इस कारण वे बस से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बस स्थानक का रुख कर तो रहे है लेकिन शहर से कोई भी बसे चलाई न जाने से उन्हें पैदल ही गांव की ओर जाना पड रहा है. केवल यही नहीं शहर से बाहर वेलकम पाइंट पर खडी रहने वाली टे्रवल्स तक ले जाने के लिए इन मजदूरों से ऑटो चालक भी मोटी रकम वसूल रहे है.
जहां शहर के व्यापार पर कोरोना का काला साया पिछले साल से बरकार है. उसी के साथ उद्योग भी अब इससे अछूता नहीं रहा. अब कोरोना की काली छाया के कारण और शहर में बढते संकमण से घोषित लॉकडाउन के कारण उद्योग जगत का अर्थचक्र बिगडता नजर आ रहा है. प्रशासन को अब कोरोना के कारण डरे, सहमें विशेषकर परप्रांतियों में डर है. उसे कम करने के लिए और उन्हें घर लौटने से रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए.

कारखानों को लग रहे ताले

शहर की एमआईडीसी को छोडकर जिले के अन्य तहसीलों की एमआयडीसी व उद्योग शुरु है. बावजूद इसके परप्रांतीय मजदूर लॉकडाउन के डर से अभी से ही घर का रुख इख्तियार कर रहे है. उनका कहना है कि जब लॉकडाउन खत्म होगा. हम फिर आयेंगे और अगर पिछली बार की तरह लॉकडाउन बढता ही गया तो हम कम से कम अपने घर पर सुरक्षित तो रहेंगे. मजदूरो की इस सोच के कारण अब लॉकडाउन के कारण घर लौट चुके मजदूरो के कारण संचालकों को ताला लगाना पड रहा है.

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