अमरावतीविदर्भ

बच्चे को खिलाना युद्ध नहीं : डॉ बकुल पारेख

अमरावती/दि.१८ – स्थानीय सिटी चैनल पर आयोजित एक मार्गदर्शन सत्र में मुंबई के वरिष्ठ बालरोग चिकित्सक डॉ बकुल पारेख ने बच्चों के पूरक आहार विषय पर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सितंबर महीना ‘पोषण महीने‘ के रूप में मनाया जाता है. ३५ हजार से अधिक सदस्यों वाली अखिल भारतीय बालरोग परिषद के वर्तमान अध्यक्ष डॉ पारेख ने बच्चे के जन्म पश्चात पहले ६ महीने स्तनपान को सर्वश्रेष्ठ आहार निरूपित किया और कहा कि ६ महीने बाद उसे अनिवार्यतः पूरक आहार शुरू करना चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि बच्चों के पूरक आहार के चयन में पारिवारिक और सामाजिक मान्यताओं का ध्यान रखना चाहिए.

उन्होंने बताया कि इस आहार को देते समय बच्चे की पसंद और नापसंद को पूर्ण मान दें. यह पूरक आहार सुपाच्य स्वरूप में और हर बार बदल-बदल कर देना चाहिए. इससे बच्चे की खाने में रूचि बनी रहती है. डॉ पारेख ने सलाह दी कि बच्चों को खिलाते समय किसी तरह की जबरदस्ती ना करें और उसे डर, प्रलोभन या मोबाईल यूट्यूब से न बहलाएं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में माताएं बच्चे को खिलाना प्रतिष्ठा का विषय मानकर एक युद्ध जैसी स्थिति निर्माण कर देती हैं, जो कि सर्वथा अनुचित है. कार्यक्रम का संचालन बालरोग विशेषज्ञ डॉ सतीश अग्रवाल ने किया. इस कार्यक्रम का प्रसारण आगामी सोमवार दिनांक २१ सितंबर को सुबह ११ बजे चैनल के यूट्यूब व फेसबुक पेज पर होगा. चैनल के प्रबंध संपादक डॉ चंदू सोजतिया ने सभी से इसका लाभ लेने का अनुरोध किया है.

Related Articles

Back to top button