जैन दीक्षा लेने वाल हितेश कांकरिया का अभिनन्दन समारोह कल
श्वेताम्बर जैन समाज का उपक्रम
* धामणगांव रेल्वे के मूल निवासी हैं कांकरिया
* सुबह 9.30 बजे स्थानक में कार्यक्रम
अमरावती/दि.25- आत्मकल्याण के मार्ग पर अग्रसर श्री हितेश हेमचंद कांकरिया धामणगांव का कल मंगलवार 26 दिसंबर को सुबह 9 बजे बडनेरा रोड स्थित जैन स्थानक में भव्य अभिनंदन समारोह रखा गया है. जिसमें अमरावती जैन समाज की समस्त श्वेताम्बर संस्थाओ जिसमें श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, बडनेरा रोड, अमरावती.श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, अम्बापेठ,अमरावती श्री जैन श्वेताम्बर मुर्तिपूजक संघ बड़ामंदीर जैन श्वेताम्बर मित्र मंडल राजीबाई धर्मशाला श्री दादाबाडी संस्थान, अमरावती व उपरोक्त समस्त संप्रदाय सम्मिलित संघठन श्री ओसवाल जैन संघ सहभागी हैं. स्वागत समारोह में शहर व जिले के जैन समाज के पुरुष-महिला युवाओं को बढ़ी संख्या में उपस्थिति का आव्हान किया है.
* पूना में थे कार्यरत
धामणगांव निवासी कांकरिया परिवार मे जन्मे हितेश कांकरिया पढे लिखें होने के साथ साथ अपने जैन धर्म की थोडी बहुत जानकारी थी. उच्च कोटी की कंपनी में जॉब पूना लगभग 2 वर्ष से कार्यरत थे. इस बीच पूना में आचार्य श्री रामलालजी म सा का आगमन हुआ. उनके दर्शन करने हेतु हितेशजी गये. श्री रामलालजी म.सा. के साथ श्री प्रणत मुनीत्री म. सा. भी थे. प.पु. प्रणत मुनीजी म सा. हितेशजी काकरिया के पारिवारीक रिश्तेदार है. जिनकी रामलालजी म.सा.के पास ही दीक्षा हो चुकी थी.
* आजीवन ब्रम्हचर्य का व्रत
हितेशजी कांकरिया को पूना में जॉब करने के बाद जो भी समय मिलता वो साधू संतो की सेवा में, गोचरी ले जाना, व्याख्यान सुनना, रात्री संवर करना, धार्मिक ज्ञान में बढ़ोतरी करना आदि दिनचर्या के चलते चलते उनके भावो मे निरंतर बदलाव आया और एक समय उन्होने आजीवन ब्रम्हचर्य व्रत ग्रहण कर लिया.
* धर्म के प्रति भाव प्रबल
समय अपने गति से चलता,उसे ज्यादा तेज गति से हितेश के आचरण व अंर्तमन में धर्म के प्रति उनके भाव और प्रबल हो रहे थे, दूसरी तरफ माता पिता परिवार उसके शादी कर घर बसाने की को अग्रसर होने को थे और इसी बीच हितेश ने अपने माता-पिता से बोल दिया कि वह शादी नही करेंगे व दीक्षा ग्रहण करेंगे. परिवार वाले यह सुनकर बड़े विचाराधीन हो गए. हितेश म.सा. के संपर्क मे लगातार धार्मिक शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. निरंतर अपने मंजिल की ओर अग्रेसर हो रहे थे.
* छोडी जॉब, गुरुदेव ने ली परीक्षा
समय अपने गति से बढ़ रहा था उसी साथ हितेश ने जॉब से इस्तीफा दे दिया. इस कठिन मार्ग की ओर अपने कदम और आगे बढ़ाते आगे बढ़ रहे थे. आ. गुरुदेवगण भी हितेश की लगातार परीक्षाएं लें रहे थे की यह युवा क्या इस कठिन संयम के मार्ग चल पायेगा? हितेश का विश्वास इस सफर मे कही भी कुछ पल भी डगमगया नहीं बल्कि प्रतिदिन प्रबल होता गया, और गुरुदेव ने भी उसका लगातार 6-7 वर्ष यह इम्तिहान लिया. जिसमे ंहितेश सफल रहा व उधर माता-पिता भी लगातार हितेश को देख रहे थे की कही उसके विचार परिवर्तन न हों जाए.
* माता-पिता से मांगी आज्ञा
हितेश को इसे विराम जब लगा जब हितेश माता-पिता से दीक्षा की आज्ञा मांगी, और इस तरह 7 साल से घर में रहते हुए भी संत जैसा जीवन गुजार रहे हितेश को बढे मन से माता-पिता दीक्षा के लिए आगे बढ़ने आज्ञा प्रदान की. तत्पश्चात आ. गुरुदेवश्री से उसे दीक्षा देने का निवेदन किया. गुरुदेवश्री ने भी हितेश के लगातार 7 वर्ष का आचरण, धार्मिक शिक्षा, सूत्र अध्ययन, प्रवचन शैली, साधना व आत्मकल्याण की ओर बिना डगमगाये मार्ग गमन यह सभी को देखते हुए 22 जनवरी 2024 यह दिन दीक्षा हेतु निश्चित किया जो की मध्य प्रदेश के जावरा में होना की निश्चित हुआ है.