अमरावतीमहाराष्ट्र

लाँग पॉइंट के जलस्त्रोत पर मादा भालू का पिल्लों सहित स्नान व मस्ती

गर्मी में पर्यटकों हेतु जंगल में मचान की व्यवस्था

चिखलदरा/दि.5– चिखलदरा पर्यटन स्थल पर स्थित मेलघाट वन्यजीव विभाग के लाँग पॉइंट पर एक मादा भालू द्वारा जलस्त्रोत में अपने बच्चों के साथ स्नान व मस्ती करने का दृष्य देखकर पर्यटकों को काफी रोमांचक आनंद का अनुभव हुआ.
चिखलदरा पर्यटन स्थल के लगकर ही मेलघाट व गुगामल के वन्यजीव विभाग है. इस परिसर में भालू सहित बडे पैमाने पर बाघ व तेंदूए तथा जंगली भैसे व हरिण एवं अन्य कई तृणभक्षी व सरीसृप प्राणियों एवं पक्षियों की प्रजातियों का अधिवास है. जो अक्सर ही इस क्षेत्र में आनेवाले पर्यटकों को दिखाई भी देते है.
गाविलगढ परिक्षेत्र में जंगल सफारी हेतु जानेवाले पर्यटकों के लिए अब रात्रि विश्राम हेतु मचान की व्यवस्था की गई है. जिसके तहत दोपहर 4 बजे चिखलदरा से लाँग पॉइंट कुंभी बल्डा के पास स्थित मचान तक पर्यटकों को जिप्सी के जरिए ले जाया जाता है. जहां पर भोजन व रातभर मुकाम करने के बाद उन्हें सुबह 10 बजे वापिस लाया जाता है. जिसके चलते अब प्राणी निरीक्षण के लिए बुद्ध पूर्णिमा की प्रतीक्षा करने की जरुरत नहीं बची है.
मेलघाट वन्यजीव विभाग के जंगलों में अब पर्यटकों हेतु विशेष उपक्रम चलाए जा रहे है. जिसके चलते जंगल सफारी के दौरान कई बार पर्यटकों को बाघ सहित तेंदूए, भालू, जंगली भैंसे के साथ-साथ विभिन्न मांस भक्षी व तृण भक्षी प्राणियों एवं अलग-अलग प्रजाति वाले पक्षियों के दर्शन होते है.

* सुबह 8 बजे बच्चों के साथ पहुंची मादा भालू
गाविलगढ परिसर में चुरणी सर्कल के लाँग पॉइंट के पास एक कृत्रिम जलस्त्रोत तैयार किया गया है. जहां पर बुधवार की सुबह 8 बजे एक मादा भालू अपने बच्चों के साथ पहुंची और फिर मां व बच्चों ने इस कृत्रिम जलस्त्रोत में उतरकर स्नान करते हुए जमकर मस्ती की. यह दृष्य पास ही स्थित पेड पर बनी मचान पर मौजूद पर्यटकों ने भी देखा और वे अच्छे-खासे रोमांचित भी हुए.

* 25 दिन पहले ही प्राणियों की प्यास बुझाने हेतु कृत्रिम जलस्त्रोत तैयार किया गया, जहां पर गत रोज सुबह मादा भालू व उसके बच्चे के स्नान व मस्ती का दृष्य दिखाई दिया. इस जलस्त्रोत पर अब कई वन्य प्राणी पानी पिने के लिए आते है. जो यहां आनेवाले पर्यटकों को दिखाई देते है. पर्यटकों के लिए मचान पर रात्रि विश्राम, जिप्सी के जरिए आने-जाने की व्यवस्था तथा भोजन के प्रबंध का उपक्रम का उपक्रम भी नए सिरे से शुरु किया गया है.
नरेश इवनाते
वनपरिक्षेत्र अधिकारी
गाविलगढ वनपरिक्षेत्र, चिखलदरा.

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