अमरावती

निर्माल्य संकलन कर खाद व अनाज की होगी निर्मिती

ऑर्गेनिक खेती को दिया जाएगा बढावा

* समाजसेवी लप्पीसेठ जाजोदिया का कथन
* माहेश्वरी महिला मंडल व राधा मधुसूदन बेनीप्रसाद सनातन संस्कृति संस्थान का आयोजन
अमरावती/दि.10– स्थानीय धनराज लेन स्थित राधाकृष्ण मंदिर में माहेश्वरी महिला मंडल व राधा मधुसूदन बेनीप्रसाद सनातन संस्कृति संस्थान की ओर से निर्माल्य पात्र उपक्रम का विधिविधान से फीता काटकर उद्घाटन किया गया. निर्माल्य पात्र उपक्रम के माध्यम से महिलाएं उन लोगों तक पहुंचेगी, जो आम तौर पर माहेश्वरी समाज का हिस्सा भले ही न हो लेकिन समाजिक समाज का हिस्सा अवश्य है. प्रायोगिक तौर पर केवल कुछ ही मंदिरों तक निर्माल्य संकलन का कार्य करेंगे. किंतु इससे निर्मित खाद व उनसे निर्मित अनाज यह ऑर्गनिक खेती में उत्पादित अनाज होगा, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद साबित होगा. इसलिए निर्माल्य पात्र से संबंधित किसी भी कार्य में मेरी जरुरत हो तो नि:संकोच मुझे याद करें, मैं हमेशा तैयार रहूंगा. ऐसा प्रतिपादन समाजसेवी चंद्रकुमार उर्फ लप्पीसेठ जाजोदिया ने किया.

कार्यक्रम में माहेश्वरी पंचायत के अध्यक्ष प्रा. जगदीश कलंत्री, सचिव नंदलाल राठी, पूर्व अध्यक्ष केसरीमल झंवर, उपक्रम सलाहकार अशोक जाजू, माहेश्वरी महिला मंडल की अध्यक्षा संगीता टवानी, उपक्रम संयोजक वनीता डागा, उषा करवा, पूर्व अध्यक्ष रानी करवा आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. इस अवसर पर लप्पीसेठ जाजोदिया ने आगे कहा कि हर किसी को नेतृत्व का मौका मिलना चाहिए. इसलिए जब भी कोई महिला इस प्रकार के उपक्रम के लिए अपने भाई की सहायता की अपेक्षा में है वह मुझसे संपर्क कर सकती है. मैं हमेशा आपका साथ दूंगा. प्रा. जगदीश कंलत्री ने कहा कि निर्माल्य पात्र का उपक्रम अपने आप में सराहनीय कदम है. इस उपक्र में विविध मंदिरों से जमा निर्माल्य किसी खाली खेत में डाला जाएगा. जिससे फिलहाल खाद तैयार कर उसे किसानों को वितरीत किया जाएगा. माहेश्वरी महिला मंडल की अध्यक्षा संगीता टवानी व उनकी सदस्यों का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है. लेकिन वे इसे आगे भी बरकरार रखते हुए इस निर्माल्य पात्र की संख्या दिनोंदिन बढाती रहे, ऐसी शुभकामनाएं दी.

अशोक जाजू ने कहा कि वर्तमान मेें हम 25 निर्माल्य पात्र के माध्यम से 25 प्रमुख मंदिरों से निर्माल्य संकलित करेंगे. जिसका खाद तैयार किया जाएगा. लेकिन आने वाले समय में गोरक्षण संस्था के प्रमुख एड. आर. बी. अटल की मदद से इस निर्माल्य से धूप, अगरबत्ती तैयार करने का उपक्रम शुरु करने का मानस होगा. साथ ही महिला मंडल से जुडी सभी महिलाओं ने भी इस उपक्रम को सफल बनाने के लिए अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों का जिम्मा उठाना चाहिए. ऐसी अपील भी उन्होंने की ताकि निर्माल्य की अवहेलना न हो तथा इसका सही उपयोग हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि पहले चरण में माहेश्वरी महिला मंडल व्दारा राधा मधुसूदन बेनीप्रसाद सनातन संस्कृति संस्थान के सहयोग से 25 निर्माल्य पात्र तैयार किए गए है. जिसका विधिविधान से फीता काटकर उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम का संचालन अर्चना बजाज ने तथा आभार प्रदर्शन सचिव नीशा जाजू ने किया. कार्यक्रम में विजय चांडक, उमेश टावरी, राजन आडतिया, मुन्ना सोनी, कैलाश साहू चावलवाले, संजीव शाह, नितिन सारडा, राजकुमार टवानी, विशाल लढ्ढा, महर्षी पांडे, संजय पांडे महाराज, माहेश्वरी नवयुवक मंडल के अध्यक्ष विभोर सोनी, मोहित सारडा, पवन कलंत्री, अरुणा भट्टड, कल्पना लढ्ढा, मधुबाला लढ्ढा, संध्या राठी, शशी लाहोटी, रेणु केला, उषा करवा, संध्या केला, मंजू हेडा, रेखा हेडा, शशी मुंधडा, कल्पना लढ्ढा, शशी लाहोटी, सुशीला चांडक, हंसा मुंधडा, शारदा टवानी, साधना राठी, उषा मंत्री, सरला जाजू, गायत्री डागा, उर्मिला कलंत्री, उषा राठी, रानी मुंधडा, वैशाली जाजू, शोभा बजाज, कृष्णा राठी, माधवी करवा, नीशा जाजू, सरोज चांडक, किरण मुंधडा, सुनीता मालानी, गायत्री सोमाणी, विजया राठी, हेमा मालानी, लता मुंधडा, सुशील चांडक, हेमा भट्टड, लता मंत्री, अर्चना बजाज, शारदा झंवर समेत बडी संख्या में महिलाएं उपस्थित थे.

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