* कोरोना त्रासदी भुलाकर 2 वर्ष बाद कपडा से लेकर आभूषण तक मार्केट सजे
अमरावती/दि.26 – 2 साल कोरोना त्रासदी से पर्व-त्यौहार पर भी बाजार अपेक्षित ग्राहकी नहीं कर पाये थे. किंतु आज से शुरु हो रहे उत्सव के दौर से क्या कपडा, क्या किराना, क्या इलेक्ट्रॉनिक्स और तो और सोना-चांदी के बाजार नई उम्मीद से सज गये है. पोले के साथ उत्सवों का सुंदर सिलसिला आरंभ हो जाता है. जिसे देखते हुए आज से अगले पूरे 2 माह तक बाजार बारौनक होने की पूर्ण आशा जतायी जा रही है तथापि खाने-पीने की वस्तुओं में फिलहाल महंगाई का थोडा अंदेशा बना हुआ है. आटा महंगाई का सर्वाधिक शिकार बना है. अब तक के रिकार्ड ब्रेक 32 रुपए किलो हो जाने की जानकारी स्थानीय शक्करसाथ के सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी.
* त्यौहारी ग्राहकी की आशा
पोले से शुरु होने वाले प्रमुख त्यौहारों के मद्देनजर बाजार के जानकारों ने अच्छी ग्राहकी की उम्मीद की है. जानकार तो यहां तक कह रहे है कि, इस बार पिछले प्रिकोविड दौर से भी 30-40 प्रतिशत ग्राहकी अधिक होने की पूर्ण उम्मीद है. फ्रीज, टीवी, एसी, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों, कपडा, साजो सामान, वाहन से लेकर सोने-चांदी के आभूषण तथा इमीटेशन ज्वेलरी सभी की दूकानें सजी है. व्यापारियों को अच्छे उपभोक्ता प्रतिसाद की पूरी उम्मीद है.
* गणपति, नवरात्री, दिवाली
भाद्रपद मास की अमावस को पोला उत्सव मनाया जाता है. इसके साथ उत्सवों की शुभ शुरुआत हो जाती है. पोले के बाद गणेशोत्सव की धूम रहती है. 10 दिनों के गणेशोत्सव को भी भारतीय जनमानस नई वस्तुओं की खरीदी और नये काम के शुरुआत के लिए शुभ मानता है. इसलिए कार्पोरेट क्षेत्र भी भारती की त्यौहारी विशेषताओं पर पूर्ण ध्यान देते है. वाहन निर्माता कंपनियों से लेकर सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य साज सामान की तरफ ग्राहकों को आकृष्ट किया जाता है. गणेशोत्सव पश्चात पखवाडे भर बाद नवरात्री का उत्सव भी भारतीय नई चीजों की खरीददारी कर मनाते आये है. यह परंपरा दिवाली तक अनवरत रहती है, जब धनतेरस का बाजार का सबसे प्रिय उत्सव होता है.
* महालक्ष्मी का साजो सामान
गणेशोत्सव दौरान गौरी पूजन का उत्सव समूचे विदर्भ में लोकप्रिय है. ज्येष्ठा और कनिष्ठा के स्वागत में घर-घर सजावट होती है. ऐसे ही महालक्ष्मी को नाना प्रकार की चिजे अर्पण की जाती है. जिसे ध्यान में रखकर बाजार में महालक्ष्मी स्पेशल साडिया, नववारी, आभूषण और सजावट की वस्तुओं की भरमार नजर आ रही है. लोगों में महालक्ष्मी को लेकर अद्भुत श्रद्धा देखने में आती है. महालक्ष्मी के लिए नथ, चुडिया, अंगुठी, रानी हार, मोदक हार, मंगलसूत्र, ठूशी, कमरबंद, गजरा, पाचपदरी हार जैसे गहने सोने-चांदी के साथ-साथ इमिटेशन में भी उपलब्ध है. ऐसे ही विविध प्रकार की साडिया भी उपलब्ध है. जोडे से मिलने वाली इन साडियों में पैठनी के साथ कांजीवरम, बनारसी सिल्क, भागलपुरी सिल्क, बांधनी, गोटा, कास्ता, चंदेरी, बालुचारी आदि प्रकार की साडियां उपलब्ध है. लुगडा पैटर्न के दाम 3500 से लेकर 5 हजार तक है. उसकी अच्छी डिमांड रहने की जानकारी बाजार सूत्रों ने दी.
* सभी के बढे दाम
गणेशोत्सव के साथ गौरी आगमन के लिए घर-घर तैयारी हो रही है. बाजार में भी चहल-पहल है. खरीददारी पर ग्राहकों का जोर है. अगले कुछ दिनों तक यही क्रम रहने की संभावना है तथापि सभी वस्तुओं के दाम बढ गये है. दूकानदारों ने बताया कि, कच्चे माल के दाम बढे है, ऐसे ही मजूरी भी बढी है. जिसके कारण इस बार लगभग 20 फीसद रेट बढे है.
* सराफा को सर्वाधिक उम्मीद
सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र भंसाली ने त्यौहारी ग्राहकी के संदर्भ में अमरावती मंडल से बातचीत में बताया कि, कोरोना दौर का सर्वाधिक बूरा असर सराफा पर पडा था. ऐसे में 2 वर्ष बाद आ रहे त्यौहारी सीजन को लेकर सबसे ज्यादा आशान्वित सराफा बाजार ही है. अमरावती में एक ही स्थान पर विदर्भ का सबसे बडा सराफा बाजार होने से कारीगार, गठाईवाले और व्यापारियों को इस त्यौहारी सीजन में अच्छे कारोबार की पूर्ण उम्मीद है. सराफा व्यापारी एसो. के एक पदाधिकारी ने बताया कि, विदर्भ क्षेत्र में फिलहाल फसलों की स्थिति ठीक रहने से गणेशोत्सव व नवरात्री और दिवाली की ग्राहकी अच्छी होने के पूर्ण आसार दिखाई दे रहे है. इसी पदाधिकारी के अनुसार सोने के दाम में पिछले 2 दिनों में 400 रुपए प्रति 10 ग्रॉम की तेजी आयी है. 52,500 रुपए का सोना 52,900 रुपए प्रति 10 ग्रॉम हो गया है.
* मूर्तिकार उत्साहित
गौरी गणपति त्यौहार को देखते हुए इस बार मूर्तिकार भी बडे उत्साह में नजर आ रहे है. बीते 2 वर्ष उन्हें घाटा सहन करना पडा था. अब कोरोना का कोहरा पूर्ण रुप से हट जाने से मूर्तियों का बिजनस अच्छा होने की आशा है. सुंदर सुगठित मूर्तियां ग्राहकों को आकर्षित कर रही है.
* आटा में रिकॉर्ड ब्रेक
गेहूं का आटा अब तक 25-27 रुपए प्रति किलो बेचा जाता था. मगर यूक्रेन युद्ध और अन्य कारणों से गेहूं में बेतहाशा तेजी आयी है. जिसके कारण आटा ने 30 रुपए किलो का लेबल तोड दिया है. पैकेट बंद आटा 32-35 रुपए किलो हो जाने की जानकारी किराना दूकानदार महेश पांडे ने दी और बताया कि, वे पहली बार इतना महंगा आटा बेच रहे है. वहीं एक ग्राहक ने चुभती प्रतिक्रिया दी कि, महंगाई है तो क्या करें, खाये नहीं तो क्या मरे?