अमरावतीमहाराष्ट्र

सितंबर माह में त्यौहार- उत्सवों की धूम

पोला, हरतालिका, गणेशोत्सव, महालक्ष्मी, पर्युषण पर्व एवं ईद

अमरावती/दि.02-कल से सितंबर माह की शुरूआत हो रही है. सितंबर माह में त्यौहार- उत्सवों की धूम रहेगी. इस माह हिन्दू धर्मियों का बैलपोला, महालक्ष्मी, हरतालिका, गणेशोत्सव, जैन धर्मियों का पर्युषण पर्व एवं मुस्लिम धर्मियों का ईद का त्यौहार मनाया जायेगा. इन त्यौहारों व उत्सवों के चलते चारों और भक्तिभाव और उत्साह का वातावरण रहेगा. सोमवार को श्रावण मास का समापन होने जा रहा है. सोमवार 2 सितंबर को बैलपोला का पर्व मनाया जायेगा.
किसानों के लिए बैलपोला पर्व महत्वपूर्ण है. सालभर किसान बैलों से अपने खेतों में कडी मशक्कत करवाते है. बैलों द्बारा खेती की जुताई की जाती है. बैलों द्बारा साल भर की गई मेहनत के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने यह पर्व राज्यभर के किसान हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. एक दिन पहले किसान अपने लाडले मित्र बैल को अपने घर आने का आमंत्रण देते है और अपने घर पर बैलों को नहलाधुला कर सजाया जाता है और इस दिन उन्हें पुरणपोली खिलाई जाती है. इस दिन बैलों से किसी प्रकार का काम नहीं लिया जाता .
6 सितंबर को हरतालिका पर्व है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव व पार्वती की पूजा करते है और रातभर महिलाएं जागरण कर माता पार्वती व भगवान शिव की आराधना करती है और सुबह नदी में पूजा का विसर्जन कर व्रत पूर्ण करती है. 8 सितंबर को ऋषि पंचमी तथा जैन भाईयों के पर्युषण पर्व की शुरूआत होगी. 17 सितंबर को पर्युषण पर्व का समापन होगा और 16 सितंबर को मुस्लिम भाईयों का ईद- मिलाद का पर्व उत्साह के साथ मनाया जायेगा.

सितंबर माह में आनेवाले त्यौहार
तारीख                त्यौहार
2 सितंबर              बैल पोला
6 सितंबर              हरतालिका
7 सितंबर             गणेश चतुर्थी
8 सितंबर             ऋषि पंचमी
10 सितंबर           महालक्ष्मी स्थापना
11 सितंबर           महालक्ष्मी पूजन
12 सितंंबर           महालक्ष्मी विसर्जन
16 सितंबर           ईद -ए-मिलाद
17 सितंबर          अनंत चतुर्दर्शी

बाप्पा के आगमन को लेकर उत्साह का वातावरण
7 सितंबर से गणेशोत्सव की शुरूआत होगी. जिसमें घर-घर व सार्वजनिक मंडलों में विघ्नहर्ता गणेश की स्थापना की जायेगी. बाप्पा के आगमन को लेकर संपूर्ण राज्यभर में उत्साह का वातावरण बना हुआ है. सार्वजनिक गणेश मंडलो द्बारा 7 सितंबर को ढोल ताशों के गजर में अबीर गुलाल उडाते हुए शोभायात्रा के साथ बाप्पा को पंडालों में स्थापित किया जायेगा. गणेशोत्सव के दौरान सार्वजनिक मंडलों में 10 दिन तक विविध धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ स्पर्धाओं का भी आयोजन किया जायेगा. इसके अलावा गणेश भक्तों द्बारा अपने-अपने घरों में भी विघ्नहर्ता श्री गणेश की स्थापना की जाती है. 10 दिनोें तक हर घर में गणपति बाप्पा की पूजा अर्चना की जाती है. इस साल भी गणेशोत्सव को लेकर उत्साह का वातावरण बना हुआ है. भाविक आतुरता से बाप्पा की राह देख रहे है. 10 दिनों तक विधि विधान के साथ बाप्पा का पूजन कर 17 सितंबर अनंत चतुदर्शी के दिन बाप्पा को भक्ति भाव के साथ बिदाई दी जायेगी.

 

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