प्रतिनिधि/ दि.२० अमरावती – कोरोना महामारी का साया अन्य चीजों के साथ त्यौहारों पर भी मंडरा रहा है. श्रावण मास प्रारंभ होते ही त्यौहारों का सिलसिला शुरु हो जाता है. बाजार सजने लगाता है, व्यापारियों के चेहरे पर रौनक दिखाई देने लगती है. मगर कोरोना वायरस ने ऐसा कहर ढाया है कि त्यौहारों के समय दुकानें बंद रखने की नौबत आ रही है. पिछले ४ माह से व्यापारी समेत आम जनता पर आर्थिक खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में नागरिक भी दुकानों पर जाने में रुचि नहीं दिखा रहे है. इससे आर्थिक स्थिति और डगमाये जाने की संभावना दिखाई दें रही है. इसी तरह कोरोना वायरस प्रभावित मरीजों के आंकडे लगातार बढते रहे तो लोगों को घर में ही त्यौहार मनाने के लिए विवश होना पडेगा. जिसके चलते व्यापारियों की आर्थिक तौर पर कमर टूटने की संभावना दिखाई दे रही है. इससे पहले विवाह समारोह व जयंतियों का सीजन पूरी तरह से तबाह हो गया. व्यापारियों ने बडे पैमाने पर माल भर रखा था. वह माल जैसे के वैसे ही पडा है. महाराष्ट्र में त्यौहारों का विशेष महत्व है. हर त्यौहार के भरोसे व्यापारियों के कारोबार का गणित जुडा हुआ है, मगर पूरे राज्य भर के मंदिरों के पट अब तक बंद है. प्रशासान ने श्रावण सोमवार को भी घर में ही मनाने का आह्वान किया है. इस त्यौहार के समय कई लोग मंदिर के बाहर फूल, प्रसाद का व्यापार करते है, मगर ऐसे व्यापारियों पर भुखमरी की नौबत आ चुकी है. रक्षाबंधन के समय गली मोहल्लों तक राखी की दुकाने सजाई जाती है. बहनों व्दारा १५ दिन पहले से ही इस त्यौहार की तैयारी शुरु की जाती है. मगर इस वर्ष ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई दें रहा, पहली बार ऐसा होगा कि स्वतंत्रता दिवस १५ अगस्त के दिन स्कूल, महाविद्यालय में तिरंगा झंडा लहराने के वक्त विद्यार्थी शामिल नहीं होंगे. पोले के समय मिट्टी के बैल जमकर बेचे जाते है, दुकानें सजाई जाती है, दूसरे दिन तानापोला बच्चें उत्साह के साथ मनाते, मगर इस बार बच्चों के भी अरमान दिल में ही दबे रह जाएंगे. अधिकांश सार्वजनिक गणेशउत्सव मंडलों ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जोर दिया है. इसकी वजह से यह उत्सव इस बार सादगी के साथ मनाया जाएगा. इसी वजह से मूर्तिकारों ने भी ४ फीट से अधिक उंची मूर्तियां नहीं बनाने का निर्णय लिया है. गणेश उत्सव के दौरान ढोल, बाजे विशेष आकर्षण का केंद्र रहते है, मगर पहले ही विवाह समारोह हाथ से जाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. मगर अब गणेश उत्सव के दौरान भी उन्हें ढोल बाजे बजाने का मौका नहीं मिलेगा. जिससे उनकी कमर और अधिक टूट जाएगी. गणेश उत्सव के पश्चात महालक्ष्मी पूजन और महाप्रसाद के लिए बाजार में जमकर खरीददारी होती है, लेकिन इस बार घर में जो कुछ है, उसी के माध्यम से महालक्ष्मी की पूजा होगी. महाप्रसाद का आयोजन भी नहीं होगा .
इन तिथियों को होंगे त्यौहार
त्यौहार तिथि
नागपंचमी २५ जुलाई
श्रावण सोमवार २७ जुलाई
बकरी ईद ३१ जुलाई या १ अगस्त
रक्षा बंधन ३ अगस्त
जन्माष्टमी १२ अगस्त
गोगा नवमी १३ अगस्त
स्वतंत्रता दिवस १५ अगस्त
पोला १८ अगस्त
हरतालिका तीज २१ अगस्त
गणेश चतुर्थी २२ अगस्त