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जय मेटल्स् में लगी भीषण आग

चार मंजिला इमारत पूरी तरह से जलकर खाक

* कात्रेला परिवार के 6 सदस्य बाल-बाल बचे
* घर व दुकान जल जाने से हुआ करोडों रूपयों का नुकसान
* सुबह से दोपहर तक चला आग बुझाने का काम
अमरावती/दि.18– स्थानीय जवाहर गेट परिसर के भीतर मुख्य मार्ग पर कात्रेला परिवार के घर व प्रतिष्ठान की चार मंजिला इमारत में आज तडके करीब 3.30 से 4 बजे के बीच शॉर्टसर्किट के चलते आग लग गई. जिसने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया. इस इमारत की उपरी दो मंजिलों पर कात्रेला परिवार द्वारा संचालित किये जानेवाले जय मेटल्स्, आरके मार्केटिंग व गणेश श्रृंगार नामक तीन व्यवसायिक प्रतिष्ठान है. जहां पर बर्तन-भांडे के साथ ही वैवाहिक आयोजनों में साज-श्रृंगार हेतु लगनेवाले साजो-साहित्य बिक्री हेतु उपलब्ध कराये जाते है. वहीं इस इमारत की उपरी दो मंजिलों पर उगम कात्रेला अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ रहते है. इन सभी छह सदस्यों की जान आज इस भीषण अग्निकांड में सौभाग्य से बाल-बाल बच गई. साथ ही साथ अग्निशमन विभाग द्वारा दिखाई गई तत्परता के चलते इस आग को अगल-बगल की घरों व प्रतिष्ठानों तक पहुंचने से रोका गया. अन्यथा आज जवाहर गेट के बर्तन बाजार परिसर में किसी बडे हादसे और नुकसान की पूरी संभावना बन गई थी.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार जवाहर गेट परिसर के बर्तन बाजार में सडक के एक ओर उगम कात्रेला व उनके बेटे रोशन कात्रेला की चार मंजिला इमारत स्थित है. जिसकी निचली मंजील पर कात्रेला परिवार की जय मेटल्स् नामक दुकान है. साथ ही पहली मंजील पर आरके मार्केटिंग व गणेश श्रृंगार नामक प्रतिष्ठान स्थित है. इसी प्रतिष्ठान के ठीक सामने पांडे परिवार द्वारा संचालित दुग्धपूर्णा दूध डेअरी है. हमेशा की तरह दुग्धपूर्णा डेअरी के संचालक नितेश पांडे जब तडके 4.30 बजे अपनी दूध डेअरी खोलने पहुंचे, तो उन्हें अपनी दूकान के ठीक सामने स्थित जय मेटल्स् के बंद शटर के नीचे कुछ अलग तरह की रोशनी दिखाई दी. ध्यान से देखने पर समझ में आया कि, बंद शटर के पीछे दुकान के अंदर आग लगी हुई है. ऐसे में उन्होंने तुरंत ही उपरी मंजील पर रहनेवाले रोशन कात्रेला को मोबाईल पर कॉल करते हुए इसकी जानकारी दी और उन्हें तुरंत इमारत की छत पर जाकर बगल में ही स्थित चांडक परिवार के घर की छत पर चले जाने और वहां से नीचे उतरने के लिए कहा. साथ ही नितेश पांडे ने चांडक परिवार के सदस्यों को भी फोन करते हुए जगाया और उन्हें छत से नीचे की ओर आनेवाले कात्रेला परिवार के सदस्यों की सहायता करने और सभी लोगों को तुरंत सुरक्षित बाहर चले आने के लिए कहा. जिसके उपरांत नितेश पांडे ने आस-पडौस के लोगों को जगाते हुए मामले की सुचना अग्निशमन दल के साथ ही महावितरण को भी दी. जिसके उपरांत महज दस मिनट के भीतर दमकल दस्ता मौके पर पहुंच गया. इस समय तक महावितरण द्वारा पुरे परिसर की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी. वहीं इस दौरान निचली मंजिल पर लगी आग देखते ही देखते उपरी मंजिलों तक पहुंच गई और इस चार मंजिला इमारत की हर खिडकी से आग की लपटे और धुएं के गुब्बार निकलते दिखाई देने लगे.
सूचना मिलने के तुरंत बाद दमकल दस्ता मौके पर तो पहुंच गया और निचली मंजील पर पानी की तेज बौछार मारते हुए आग बुझाने का काम शुरू कर दिया गया, लेकिन सबसे बडी समस्या यह थी कि, उपरी मंजिलों तक अग्निशमन दल के कर्मचारियों को पानी के पाईप लेकर कैसे पहुंचाया जाये, क्योेंकि इस परिसर में सभी प्रतिष्ठान व मकान एक-दूसरे से बेहद सटे हुए है और दो घरों या दुकानों के बीच सकरी गलियां भी नहीं है. जिसके चलते भीषण आग की वजह से पूरी तरह गर्म हो चुकी इमारत के भीतर से उपर जाना संभव नहीं था. वहीं कात्रेला परिवार की इमारत के एक ओर तो चांडक परिवार की इमारत है एवं इन दोनों इमारतों के बीच कोई वेेंटिलेशन नहीं है. ऐसे में इस तरफ से आग बुझाने हेतु पानी की बौछार करना संभव नहीं था. वहीं दूसरी ओर एक मंजिला दुकान छोडकर मारवाडी स्टोर है. जिसके चलते इस ओर से मारवाडी स्टोरा की उपरी मंजिल तक पाईप व नोजल पहुंचाकर कात्रेला परिवार की धू-धूकर जलती इमारत की उपरी मंजिलों पर पानी की बौछार मारना शुरू किया गया. किंतु इस समय तक निचली मंजिलों पर स्थित प्रतिष्ठानों में रखे साहित्य सहित उपरी मंजिलों पर स्थित कात्रेला परिवार के निवास में रखी तमाम जीवनोपयोगी वस्तुएं पूरी तरह से जलकर खाक हो गई थी. जिसके तहत कात्रेला परिवार के घर में रखे कपडे-लत्ते, अलमारियों में वक्त जरूरत के हिसाब से रखे गये सोने-चांदी के गहने एवं व्यापार-व्यवसाय व व्यवहार के हिसाब से रखी गई नकद राशि सहित खाने-पीने का सामान, फर्निचर आदि सबकुछ पूरी तरह जलकर खाक हो गया.

* बर्तन पिघलकर गल गये, स्लैब की छडें झूक गई
इस आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि, कात्रेला परिवार की इमारत में सबसे निचली मंजिल पर स्थित जय मेटल्स नामक बर्तनों की दुकान में रखे गये स्टिल, तांबे व पीतल से बने तमाम बर्तनों सहित धातुओं से निर्मित तमाम तरह की वस्तुएं तथा बर्तनों को रखने हेतु बनाये गये लोहे से बने रैक तक पिघलकर गल गये. वहीं इस प्रतिष्ठान की पहली मंजील पर स्थित वैवाहिक समारोहों के लिए बिक्री हेतु स्टॉक किये गये दुल्हे के फेटे, हार व साजो-श्रृंगार से संबंधित विभिन्न तरह की वस्तुएं जलकर खाक हो गई. इसके अलावा आग लगने की वजह से पैदा हुई भीषण गर्मी के चलते निचली और पहली मंजील के बीच स्थित स्लैब की छडें भी नीचे की ओर मुड गई. जिससे यह स्लैब काफी हद तक झुक गया है. वहीं निचली मंजील पर बनी गैलरीनूमा जगह पर रात में खडी की गई दुपहिया और साईकिल भी पूरी तरह जलकर खाक हो गये. इसके अलावा उपरी मंजीलों पर रखा पूरा साजो–सामान भी इस अग्निकांड की भेंट चढ गया. जिससे इस आग की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

* बुरी तरह से सहमा हुआ है कात्रेला परिवार
इस इमारत की उपरी मंजिल पर उगम कात्रेला का परिवार रहता है. इस परिवार में उगम कात्रेला अपनी पत्नी, बेटे रोशन कात्रेला, बहु निधी कात्रेला तथा पोते-पोती रिशान व धनीशा कात्रेला के साथ रहते है. इस परिवार के सभी सदस्य बीती रात हमेशा की तरह अपने घर में पूरा कामकाज निपटाने के बाद सो रहे थे. इसी दौरान आज तडके इमारत की निचली मंजिल पर आग लग गई, जो देखते ही देखते उपरी मंजिल की ओर बढने लगी. इसकी जानकारी मिलते ही रोशन कात्रेला ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को तुरंत नींद से जगाया. जिसके बाद सभी लोग बदहवास होकर घर की उपरी मंजिल की ओर भागे. जहां से उन्होंने अपनी छत को पार करते हुए बगल में स्थित चांडक परिवार के घर की छत पर आसरा लिया और वहां से चांडक परिवार को आवाज देते हुए मदद की गुहार लगायी. इस समय तक चांडक परिवार को भी बगलवाले घर में आग लगे की सूचना मिल चुकी थी. ऐसे में चांडक परिवार के रितेश चांडक ने अपने पिता ओमप्रकाश, मां शोभा, पत्नी एड. तृप्ती तथा दोनों बेटियों अनुपमा व ओमिशा को सबसे पहले अपने घर की निचली मंजील की ओर रवाना किया. वहीं खुद उपरी मंजिल पर जाकर छत से नीचे का दरवाजा खोलते हुए कात्रेला परिवार के सभी सदस्यों को साथ लेकर रितेश भी नीचे पहुंचे.

* … तो हो सकता था बडा अग्निकांड
उल्लेखनीय है कि, कात्रेला परिवार की इमारत से एक दूकान छोडकर मारवाडी स्टोअर्स है, जो कपडा बिक्री का बडा प्रतिष्ठान है. साथ ही इस इमारत के पीछेवाले हिस्से में स्थित इमारतों में कटलरी की दुकानें और पटाखों के फूटकर प्रतिष्ठान है. ऐसे में यदि यह आग अन्य इमारतों तक जा पहुंचती, तो यहां पर होनेवाले नुकसान की महज कल्पना की जा सकती है. लेकिन सौभाग्य से कात्रेला परिवार की इमारत और मारवाडी स्टोअर्स की इमारत के बीच निचली मंजिल पर एक दुकान है, ऐसे में दोनों इमारतों के बीच थोडी दूरी है. जिसकी वजह से यह आग मारवाडी स्टोअर्स तक नहीं पहुंच पायी, जिससे संभावित नुकसान टल गया.

* एक के बाद एक फूटे पांच गैस सिलेेंडर
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस समय कात्रेला परिवार की चार मंजिला इमारत में आग लगी, तो थोडी देर पश्चात एक के बाद एक पांच धमाके सुनाई दिये. इन धमाकों की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी. बाद में फायर ब्रिगेड के दमकल कर्मियों द्वारा आग बुझाने हेतु शुरू किये गये ऑपरेशन में पता चला कि, कात्रेला परिवार के घर में रसोई गैस के पांच सिलेंडर रखे हुए थे, जिनमें आग की लपटों में घिरने के बाद विस्फोट होने शुरू हो गये और तेज धमाके के साथ ये सभी गैस सिलेंडर फट गये.

* पालकमंत्री ठाकुर तुरंत आयी एक्शन में
– तहसीलदार संतोष काकडे तत्काल मौके पर पहुंचे
– पूर्व महापौर विलास इंगोले व पूर्व पार्षद प्रणित सोनी ने भी संभाला जिम्मा
शहर के प्रमुख व्यापारी स्थल में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी के घर व प्रतिष्ठान में लगी इस भीषण आग की जानकारी जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को सुबह 6 बजे ही मिल गई थी. जिसके बाद उन्होंने तुरंत मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर व तहसीलदार संतोष काकडे को खुद फोन करते हुए इसकी इतिल्ला दी और उन्हें इस हादसे को प्राकृतिक आपदा मानते हुए तत्काल ही राहत व बचाव कार्य शुरू करने के संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये. जिसके बाद तहसीलदार संतोष काकडे तुरंत ही मौके पर पहुंचे. इस समय तक मनपा आयुक्त के निर्देश पर मनपा का अग्निशमन दल भी बर्तन बाजार परिसर पहुंच चुका था. इसी दौरान इस अग्निकांड की जानकारी मिलने पर पूर्व महापौर विलास इंगोले व पूर्व पार्षद प्रणित सोनी सहित सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश रतावा व राजु भेले भी यहां पहुंच गये थे. जिन्होंने इस अग्निकांड की वजह से हुए नुकसान का जायजा लेते हुए राहत एवं बचाव कार्य में अपनी ओर से यथासंभव सहायता दी.

* अन्य शहरों से मंगाये गये दमकल वाहन
– युध्दस्तर पर चला आग बुझाने का काम
अमरावती मनपा दमकल विभाग के प्रमुख सैय्यद अन्वर के नेतृत्व में स्थानीय दमकल कर्मियोें ने तुरंत ही आग बुझाने का काम शुरू किया. साथ ही आग की भयावहता को देखते हुए अचलपुर, चांदूरबाजार, मोर्शी व चांदूर रेल्वे नगर परिषदों के दमकल वाहन भी बुलाये गये. जिनके जरिये आग को बुझाने का काम युध्दस्तर पर चलता रहा. अपरान्ह 12 बजे तक इस आग को बुझाने हेतु करीब 18 दमकल वाहनों के जरिये पानी की बौछारे मारी जा चुकी थी.

* दो दिन पहले भी परिवार के साथ हुआ था हादसा
उल्लेखनीय है कि, उगम कात्रेला के भाई जय कात्रेला भी पहले इसी इमारत में परिवार के साथ रहा करते थे. जिन्होंने कुछ समय पूर्व कृष्णार्पण कालोनी परिसर में नया मकान बनवाया और वे अपनी पत्नी व बेटे-बहु के साथ नये मकान में रहने चले गये. दो दिन पूर्व ही तेज आंधी-तूफान की वजह से जय कात्रेला के घर में खडी क्रेटा कार पर पेड टूटकर गिर गया था और यह कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी. अभी यह नुकसान ताजा ही था कि, कात्रेला परिवार को एक और भीषण हादसे व नुकसान का सामना करना पडा.

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