* सात जिले है टैंकर मुक्त
अमरावती/दि.20- विगत वर्ष बारिश के मौसम दौरान संतोषजनक पानी बरसने के चलते विदर्भ के अधिकांश प्रकल्पों में इस समय पर्याप्त जलसंग्रहण है. जिसकी वजह से विदर्भ के 11 में से 7 जिलों में इस वर्ष टैंकरों के जरिये पानी की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं पडी. लेकिन चार जिलों को भीषण जलकिल्लत की समस्या से जूझना पड रहा है. जहां से 57 गांवों में टैंकरों के जरिये जलापूर्ति करनी पड रही है.
उल्लेखनीय है कि, विदर्भ क्षेत्र के अधिकांश जिलों में गर्मी का मौसम काफी मुश्किलभरा होता है. जब एक ओर तापमान लगातार उंचा उठता रहता है, वहीं दूसरी ओर जलस्त्रोत तेजी से सूखने लगते है. जिसकी वजह से नागरिकों को पीने सहित अपनी अन्य जरूरतों के लिए बूंद-बूूंद पानी हेतु इधर से उधर भटकना पडता है. विगत दो वर्षों के दौरान बारिश के मौसम ने औसत की अपेक्षा अधिक व अच्छी बारिश हुई. जिसके चलते गत वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी विदर्भ क्षेत्र के अधिकांश जिलों में पानी की कोई किल्लत नहीं दिखाई दी और मई माह आधा बीत जाने के बाद भी अकोला, नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर व गडचिरोली इन सात जिलों में अब तक टैंकर की जरूरत नहीं पडी. जबकि गत वर्ष इसमें से ही 6 जिलों के 12 गांवों में टैंकरों के जरिये जलापूर्ति करनी पड रही थी.
* बुलडाणा व यवतमाल में सर्वाधिक टैंकर
19 मई तक विदर्भ के 11 में से 4 जिलों के 57 गांवों को टैंकर के जरिये जलापूर्ति की जा रही थी. इसमें सर्वाधिक 19 टैंकर बुलडाणा व यवतमाल जिले में चलाये जा रहे है. इसके अलावा वाशिम जिले के 5 तथा अमरावती जिले के 14 गांवों को टैंकरों के जरिये जलापूर्ति करनी पड रही है. ऐसी जानकारी जलापूर्ति विभाग द्वारा दी गई है.
* एक सप्ताह में टैंकर की संख्या हुई दोगुनी
– पिछले सप्ताह राज्य के 281 गांवों तथा 738 बस्तियों को 270 टैंकरों के जरिये जलापूर्ति की जा रही है. लेकिन जारी मई माह के दौरान जैसे-जैसे धूप और गर्मी की तीव्रता तेज होने लगी, वैसे-वैसे जलकिल्लत की समस्या भी गहराने लगी.
– एक सप्ताह के भीतर ही जलकिल्लत की समस्या से जूझनेवाले गांवों की संख्या दोगुनी हो गई और जारी सप्ताह में राज्य के 402 गांवों तथा 965 बस्तियों को 355 टैंकरों के जरिये पानी की आपूर्ति की जा रही है.
* कोंकण में है सर्वाधिक जलकिल्लत
पश्चिम विदर्भ के पांच जिलों में 57 टैंकरों के जरिये जलापूर्ति की जा रही है. वहीं पूर्वी विदर्भ के 6 जिलोें में अब तक टैंकरों की जरूरत महसूस नहीं हुई है. उधर मराठवाडा के आठ जिलों में 37 गांवों को 52 टैंकरों के जरिये जलापूर्ति की जा रही है. साथ ही पश्चिम महाराष्ट्र के 59 गांवों में 64 टैंकर शुरू है. इसके अलावा नाशिक विभाग के पांच जिलों के 27 गांवों को 22 टैंकरों के जरिये जलापूर्ति की जा रही है. वहीं कोंकण के पांच जिलों में सर्वाधिक यानी 144 गांवों तथा 457 बस्तियों को टैंकरों के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है.