प्रतिनिधि/दि.२०
अमरावती-सडकों पर रोककर राहजनी व मकान-दूकानों में घुसकर लूट की घटनाएं अब पुरानी हो चुकी है. चालबाज अब ऑनलाइन लूट को हथियार बना रहे हैं. ग्रामीण व नवयुवकों के साथ ही अब उच्च शिक्षितों को भी अपने जाल में फांसने का प्रयास हो रहा है. शहर में ऐसे दो मामले उजागर हुए. प्राचार्य डॉ. विजय भांगडिया ने समय सूचकता दिखाते हुए न केवल अपने अकाउंट की सुरक्षा की, बल्कि अन्य लोगों को भी सतर्कता बरतने की अपील कर रहे हैं.
* एचडीएफसी का मैनेजर बताकर मांगे डॉक्युमेट
केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विजय भांगडिया के फोन पर अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया. आरोपी ने अपने आपको एचडीएफसी का मैनेजर बताया और कहा कि २०११ में आपने जो यंगस्टर पॉलीसी निकाली है, उसकी बकाया किश्त के कुल १,३२,००० रूपए जमा करना है. इसके लिए कमीशन की राशि की रियायत देने की बात कही. यह राशि भरने पर २०२१ में पॉलीसी मैच्योर होने पर उन्हें ३,१५,००० रूपए नहीं मिलेंगे, इसके लिए उन्होंने आधार, पॅनकार्ड व ब्लेंक चेक सहित सभी डॉक्युमेट वॉटस्अप करने कहा.
*त्रूकाँलर पर भी बैंक का नाम
डॉ. भांगडिया को संदेह हुआ, उन्होनें दो दिन की मोहलत मांगी और उसी दिन एचडीएफसी के कार्यालय में जाकर पता किया. जिसमें पूरा मामला फर्जी होने की बात उजागर हुई. आश्चर्य इस बात पर जताया जा रहा है कि आरोपी का फोन नंबर एचडीएफसी के नाम से ही ट्रूकालर पर दिखाई दे रहा. डॉ. भांगडिया ने सभी से इस तरह की धोखाधडी से बचने कहा है. रविवार को एक उच्च शिक्षित महिला के फोन पर भी इसी तरह का कॉल आया. जिसमें आरोपियों ने १९९९ रूपए कैश बैक के लिए सभी जरूरी डा्नयूमेंट मांगे, लेकिन महिला ने सतर्कता बरती. जिससे उनका अकाउंट भी लूटने से बच गया.