अमरावतीमहाराष्ट्र

गोल्डन फाईबर कंपनी पर मामला दर्ज करें

कामगार प्रतिनिधियों ने पुलिस आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि.14– नांदगांव पेठ एमआईडीसी के गोल्डन फाईबर एलएलपी कंपनी में पानी पिने से कामगारों को विषबाधा होने की घटना रविवार को उजागर हुई थी. लेकिन इस घटना को रफादफा करने के लिए शुरुआत में कामगारों को कंपनी में कैद रखा गया था, ऐसी शिकायत कामगारों ने की है. इस कारण संबंधित कंपनी पर मामला दर्ज करने की मांग कामगार प्रतिनिधियों ने सोमवार को पुलिस आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में की है. साथ ही सैकडों कामगार व्यवस्थापन के उत्पीडन व तानाशाही के खिलाफ हडताल पर चले गए.
बता दें कि, रविवार को 100 से 120 कामगारों को पेयजल के कारण विषबाधा होने के बाद कामगार प्रतिनिधियों ने यह बात कंपनी प्रशासन को ध्यान में ला दी थी. कामगार प्रतिनिधि मंगेश पिकाले कामगारों से पूछताछ करने के लिए गए तब उन्हें रोका गया, ऐसा निवेदन में कहा गया है. मनसे के पप्पू पाटिल को कामगार संगठना द्वारा इस घटना की जानकारी देने के बाद उन्होंने पुलिस की सहायता से दोपहर 2 बजे के दौरान कंपनी में प्रवेश किया. सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक कामगारों को कंपनी में कैद रख उपचार से वंचित रखने का आरोप कामगारों ने किया है. इस प्रकरण में जांच कर संबंधित दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कामगार प्रतिनिधि स्वप्नील सोनपराते, मंगेश पिकले, सीमा अंबूलकर, सपना गडलिंग ने पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी को सौंपे ज्ञापन में की है. दूसरी तरफ कंपनी के व्यवस्थापन के उत्पीडन और तानाशाही के खिलाफ पुरुष और महिला कर्मचारियों की एकजुटता से कंपनी में हडकंप मच गया. मजदूर संगठन के आरोप लगाया कि, कंपनी प्रबंधन, पुलिस और श्रम विभाग की मिलीभगत के कारण यहां मजदूरों पर अन्याय हो रहा है. तब श्रम अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मजदूरों को न्याय का भरोसा दिलाया और काम पर लौटने का निर्देश दिया. यह भी कहा जा रहा कि, 11 कामगारों की तबियत खराब रहने से उनका अभी भी निजी अस्पताल में उपचार जारी है. रविवार को लिए पानी के सैंपल की रिपोर्ट भी अब एक-दो दिन में आने की संभावना जताई जा रही है.

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