अमरावती

फिल्मी दुनिया के मोह में घरबार छोड़कर मुंबई की राह पकड़ते हैं बच्चे!

साढ़े तीन वर्ष में 126 बच्चों को पकड़ा, 2020 में रेल्वे बंद से कम हुए मामले

  • किसी को बंगला-गाड़ी का आकर्षण तो किसी को घर के विवाद से परेशानी

बडनेरा/प्रतिनिधि दि.25 – हीरो के समान बनना है, इसलिए घर छोड़कर मुंबई को पलायन करने वाले रायपुर के 13 वर्षीय नाबालिग लड़के को बडनेरा रेल्वे स्टेशन से रेल्वे पुलिस ने ताबे में लेकर उसके माता-पिता के सुपूर्द किया.पैसा,ग्लॅमरस दुनिया का शौक व घर के पारिवारिक विवाद सहित अन्य कारणों से बच्चे भाग जाने का प्रमाण अधिक है.
गत साढ़े तीन वर्षों में बडनेरा रेल्वे स्थानक से 126 लड़के-लड़कियों को भागते समय ताबे में लिया गया. उनकी संपूर्ण जांच ककर रेल्वे सुरक्षा बल, रेल्वे पुलिस व चाइल्ड लाईन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से उनके माता-पिता तक पहुंचाया गया है. प्लॅटफॉर्म व रेल्वे यात्री गाड़ियों में घुमने वाले युवकों की पुलिस व्दारा पूछताछ की जाती है. अधिकांश बच्चे फिल्मी दुनिया के मोह में रेल्वे गाड़ियों से मुंबई की ओर पलायन करने के उदाहरण पुलिस व्दारा दी गई जानकारी से सामने आए हैं. इसी तरह माता-पिता के घर के विवाद, उनके दिल पर इसका विपरीत असर इस कारण भी बच्चे घर से निकल जाते हैं. 2020 कोरोना काल में रेल्वे गाड़ियां अधिक नहीं थी. इस दरमियान भागकर जाने वालों की संख्या कम होने की बात सामने आयी. रेल्वे गाड़ियां शुरु होते ही संख्या बढ़ गई है.

स्टेशन पर पाये गए बच्चे
2018                16
2019                53
2020                05
2021                52
अगस्त तक

– सामाजिक जिम्मेदारी से भागकर जाने वाले बच्चों का समुपदेशन किया जाता है. भागकर जाने का कारण पूछा जाता है. संपूर्ण जांच के बाद नियमोें के अधीन उन बच्चों को माता-पिता के सुपूर्द किया जाता है.
बी.एस.नरवार,निरीक्षक,रेल्वे सुरक्षा बल

– विविध कारणों से बच्चे घर से निकल जाने की घटना सामने आयी है. उनसे समस्या जानी जाती है. परिवार में वापस जाने के लिए समुपदेशन किया जाता है. कई लड़के-लड़कियों को माता-पिता के सुपूर्द किया जाता है.
अजितसिंह राजपूत, सहायक निरीक्षक, रेल्वे पुलिस

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