अंतत: 15 दिन बाद विधायक रवि राणा लौटे शहर
इर्विन चौराहे पर आगमन होते ही हुआ जल्लोषपूर्ण स्वागत
* समर्थकों ने ढोल-ताशे के साथ अगवानी कर फुलमालाओं से लाद दिया
* इर्विन चौराहे पर डॉ. आंबेडकर व जयस्तंभ चौक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतलों पर किया माल्यार्पण
* शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के सैंकडों युवा स्वाभिमान समर्थक रहे उपस्थित
अमरावती/दि.24– विगत 9 फरवरी को मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर पर स्याही फेंकने के साथ ही जानलेवा हमला करने को लेकर धारा 307 के तहत नामजद किये गये बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा आज करीब 15 दिन बाद देश की राजधानी नई दिल्ली से वापिस अमरावती लौटे है. विधायक रवि राणा आज सुबह हवाई मार्ग के जरिये दिल्ली से नागपुर हेतु रवाना हुए और नागपुर से सडक मार्ग के जरिये अपरान्ह करीब 2.30 बजे उनका अमरावती आगमन हुआ. यहां पर इर्विन चौराहे पर पहुंचते ही विधायक रवि राणा का युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा जल्लोषपूर्ण ढंग से स्वागत किया गया और ढोल-ताशे के बीच विधायक राणा की अगवानी करते हुए उन्हें फुलमालाओं से लाद दिया गया. पश्चात विधायक रवि राणा ने इर्विन चौराहे पर स्थित भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और वे यहां से किसी चुनावी रैली की तरह पदयात्रा करते हुए मालवीय चौक होकर जयस्तंभ चौक परिसर में पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले पर माल्यार्पण किया. युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा इसे छत्रपति शिवाजी महाराज की अवमानना तथा पुलिस के दबावतंत्र के खिलाफ निषेध व शांति मार्च का नाम दिया गया था.
बता दें कि, जिस दिन मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर पर राजापेठ रेलवे अंडरपास में स्याही फेंकने के साथ ही कथित तौर पर जानलेवा हमला किया गया था, उसी दिन विधायक रवि राणा अमरावती से दिल्ली के लिए रवाना हो गये और तब से अब तक लगातार दिल्ली में ही थे. इसी दौरान 9 फरवरी की रात मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के आधार पर राजापेठ पुलिस स्टेशन में विधायक रवि राणा सहित कुल 11 लोगों के खिलाफ धारा 307 के तहत हत्या का प्रयास करने से संबंधित बेहद संगीन अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. साथ ही विधायक राणा के समर्थक रहनेवाले कुल पांच लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करते हुए उन्हें अदालत में पेश किया. जिन्हें अगले कुछ दिनों तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने के साथ ही न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया. साथ ही पुलिस द्वारा विधायक रवि राणा को गिरफ्तार किये जाने के प्रयास तेज कर दिये गये. इसी दौरान विधायक रवि राणा द्वारा जल्द ही अमरावती वापिस लौटने की बात कही जाने लगी. साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि, खुद पुलिस ने उन्हेें शिव जयंती के बाद अमरावती वापिस आने हेतु कहा है. साथ ही विगत सोमवार 21 फरवरी को विधायक रवि राणा ने दिल्ली की पटियाला कोर्ट से आठ दिनों की ट्रान्झीट अग्रिम जमानत हासिल की थी. ताकि वे पुलिस द्वारा पकडे जाने का डर रखे बिना अमरावती वापिस आ सके और यहां आकर स्थानीय कोर्ट मेें अग्रीम जमानत प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सके. जिसके बाद से विधायक राणा के अमरावती वापिस लौटने का इंतजार उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा था. साथ ही बीती शाम ही विधायक रवि राणा द्वारा ऐलान किया गया कि, वे गुरूवार 24 फरवरी को अमरावती वापिस लौट रहे है और अमरावती पहुंचने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की अवमानना तथा पुलिस व प्रशासन की दबावपूर्ण नीति के खिलाफ निषेध व शांति पदयात्रा निकालेंगे.
* शांति मार्च में आयुक्त के निषेध फलक
आज दोपहर विधायक रवि राणा की अमरावती वापसी के मद्देनजर अपरान्ह 12 बजे से इर्विन चौराहे पर अमरावती शहर सहित जिले के युवा स्वाभिमान पदाधिकारियों का जमावडा लगना शुरू हो गया था और यहां पर करीब 300 से 400 महिला व पुरूषों की भीड इकठ्ठा थी. जिनके हाथों में मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर का निषेध करनेवाले नारे लिखे बैनर व पोस्टर भी थे. पश्चात विधायक रवि राणा ने अमरावती वापिस लौटने और अपना जल्लोषपूर्ण स्वागत होने के बाद आंबेडकर पुतले से गांधी पुतले तक निषेध व शांति मार्च किया तथा इसके बाद गांधी पुतले पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर तथा राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके सहित राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे पर छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रतीमा का अवमान करने का आरोप लगाने के साथ ही मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर पर रात के अंधेरे में छेनी-हथौडी जैसे अवजारों के जरिये शिवप्रतिमा को हटाने और झूठी शिकायत दर्ज कराते हुए बेकसूर लोगों को भादंवि की धारा 307 के तहत संगीन अपराधिक मामले में फंसाने का आरोप लगाया. इस समय विधायक राणा ने कहा कि, राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे व जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के इशारे पर पुलिस एवं मनपा प्रशासन पर उन्हें तथा उनकी पत्नी व सांसद नवनीत राणा को इस पूरे मामले में फंसाने की साजीश रची गई. जिसके लिए सत्ता व अधिकारों का दुरूपयोग किया गया.
* गश खाकर गिरते-गिरते बचे विधायक रवि राणा
जयस्तंभ चौक पर गांधी पुतले के समक्ष धरना प्रदर्शन करने के बाद जब विधायक रवि राणा अपने उपस्थित समर्थकों को संबोधित कर रहे थे, तब अचानक ही उन्हें चक्कर आ गया और उनकी गर्दन एक ओर लुढकने के साथ ही उन्हें तेज पसीना छूटने लगा. यह देखते ही वहां उपस्थित पार्टी पदाधिकारियें ने तुरंत आगे लपककर विधायक राणा को थाम लिया. जिसकी वजह से विधायक राणा नीचे गिरने से बच गये. इस समय पार्टी पदाधिकारियों ने विधायक राणा की जैकेट उतारने के साथ ही उन्हें हवा करनी शुरू की. इसके साथ ही यह निषेध व शांति मार्च जयस्तंभ चौक पर ही खत्म कर दिया गया.
* पूरा समय रहा कडा बंदोबस्त, पुलिस थी पूरी तरह से अलर्ट
विधायक रवि राणा की आमद को देखते हुए आज सुबह से शहर में पुलिस पूरी तरह से अलर्ट थी और इर्विन चौराहे पर पुलिस का कडा बंदोबस्त लगाया गया था. साथ ही जिस समय विधायक रवि राणा का इर्विन चौराहे पर आगमन हुआ, उस समय यहां पर बंदोबस्त को और भी अधिक कडा कर दिया गया था. जिसके तहत जहां एक ओर पुलिस के कई आला अधिकारी खुद यहां दल-बल के साथ ड्यूटी पर तैनात थे, वहीं खुफिया पुलिस व क्राईम ब्रांच पुलिस को सादी वर्दी के तहत आम नागरिकों की तरह भीड में तैनात रखा गया था, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति पर तुरंत काबू पाया जा सके. यहीं स्थिति जयस्तंभ चौक पर भी दिखाई दी. इसके साथ ही विधायक रवि राणा इर्विन चौराहे से किसी चुनावी रैली की तरह आम जनता को हाथ जोडकर अभिवादन करते हुए जयस्तंभ चौक की ओर आगे बढे, तब भी उनके निषेध व शांति मार्च के साथ पुलिस का बंदोबस्त चलता रहा.