अमरावती

अंतत: 23 दिन बाद मो. इकबाल के शव दफन किया गया कब्रस्थान में

लावारिस के तौर पर हुआ था बरामद, इर्विन में हुई थी मौत

* शिनाख्त नहीं होने के चलते स्मशानभूमि किया गया था दफन
अमरावती/दि.3 – विगत दिनों गाडगे नगर पुलिस को एक बीमार व्यक्ति लावारिस पडा मिला था. जिसे इलाज के लिए जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उसकी विगत 10 मई को मौत हो गई थी. इसके पश्चात पुलिस ने शव की शिनाख्त हेतु लगातार तीन दिनों तक स्थानीय मीडिया के जरिए जानकारी प्रसारित की. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाने के चलते 13 मई को पुलिस ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से उक्त व्यक्ति को लावारिस मानते हुए उसके शव को हिंदू स्मशानभूमि में दफन कर दिया था. परंतु इसके बाद कोतवाली थाने में एक महिला द्बारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी के रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच करते हुए 23 मई को पता चला कि, मृतक व्यक्ति का नाम मो. इकबाल मो. सुलेमान था. जो मूलत: दर्यापुर के बाभली परिसर का निवासी था और मानसिक तौर पर बीमार होने की वजह से अपने घर से लापता थे. इसके पश्चात कुछ समाजसेविओं द्बारा की गई पहल के चलते तमाम प्रशासनीक प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए मृतक मो. इकबाल को शव को हिंदू स्मशानभूमि की दफन भूमि से बाहर निकाला गया और मुस्लिम कब्रस्थान ले जाकर उसे इस्लामिक रीतिरिवाजों के अनुसार कब्र में दफन किया गया.
मृतक मो. इकबाल मो. सुलेमान की शिनाख्त हो जाने और उसके शव को हिंदू स्मशानभूमि में दफन कर दिए जाने की जानकारी संबंधित परिवार से मिलते ही समाजसेवी सैय्यद नसीम, एड. शोएब खान, विनोद जयस्वाल, डॉ. वसीम, इमरान अशरफी, सरफराज खान, कयामोद्दीन पठान, अयुब भाई, बबलू भाई, जमील सर व अफसर खान इन सभी ने गाडगे नगर पुलिस सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात करते हुए मो. इकबाल के शव को हिंदू स्मशान की दफन भूमि से निकालकर मुस्लिम कब्रस्थान में उसके धार्मिक रीतिरिवाजों के अनुसार दफन करने हेतु इजाजत दिए जाने और इस कार्य के लिए मो. इकबाल का शव उसके परिजनों के हवाले किए जाने हेतु काफी प्रयास किए. पश्चात 31 मई की रात जिलाधीश द्बारा इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया और गाडगे नगर की सहायक पुलिस उपायुक्त पूनम पाटिल व थानेदार आसाराम चोरमले की देखरेख में 2 जून को मो. इकबाल का शव हिंदू स्मशान की दफन भूमि से निकाला गया और इसके बाद उसे उसके परिजनों की उपस्थिति में लालखडी रोड स्थित मुस्लिम कब्रस्थान में ले जाकर दफन किया गया. इस तरह से अपनी मौत के करीब 23 दिन बाद मो. इकबाल मो. सुलेमान को अपने धार्मिक रीतिरिवाजों के मुताबिक दफनविधि व कब्र हासिल हुए.

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