अंतत: वरुड में 350 करोड का संतरा प्रकल्प मंजूर
इमारत का काम शुरु, सरकार ने दिये 50 करोड
* दिल्ली की एमकेसी को मिला प्रक्रिया उद्योग का आदेश
* एक सीजन में 2 लाख टन संतरा पर प्रोसेसिंग
अमरावती /दि.13- लंबे समय की मांग और कई बार अन्यत्र प्रक्रिया उद्योग के काम शुरु होते-होते प्रलंबित हो जाने से निराश हो चले संतरा उत्पादक किसानों के लिए अच्छा समाचार है कि, वरुड के पास बडे प्रकल्प को मंजूरी दी गई है. दिल्ली के नोएडा में इस प्रकार का फल प्रकिया उद्योग चलाने का अनुभव रखने वाली एमकेसी एग्रो फे्रश को यह उद्यम दिया गया है. उद्यम की पूरी लागत 350 करोड रहने का दावा कंपनी के मोहम्मद नासिर ने दी. उल्लेखनीय है कि, राज्य कैबिनेट ने निर्यात लायक उत्पादन के लिए प्रक्रिया उद्योग हेतु 202 करोड मंजूर किये है. 50 करोड का आवंटन कर दिया गया है. अगले सीजन तक उद्योग शुरु हो जाने का दावा मोहम्मद नासिर ने किया. उन्होंने बताया कि, इमारत का काम शुरु हो गया है. अगले चरण में मशीनरी की फिटींग होगी और कोल्ड स्टोरेज आदि बनाये जाएंगे.
* लंबे समय की डिमांड
नागपुरी संतरे का बेल्ट होने से वरुड-मोर्शी मेें अरसे से प्रक्रिया उद्योग की डिमांड की जा रही थी. सांसद अनिल बोंडे ने भी यहां प्रक्रिया उद्योग के लिए प्रयत्न किये थे. पडोस के काटोल में ऐसा एक प्रकल्प स्थापित हुआ था, किंतु कुछ ही दिनों में उसके बंद होने के बाद संतरा को अपेक्षित दाम नहीं मिलने से उत्पादक किसान चिंतित थे. इस बार बांग्लादेश की उपद्रव के कारण मुश्किल से पिछले सप्ताह डेढ टन संतरा विमान से मस्कत भेजा गया. बाकी देशभर में संतरे को अपेक्षित मूल्य नहीं मिलने से 40 हजार टन माल पेडों से उतारा नहीं गया है.
* प्रकल्प निर्माण प्रारंभ
महाऑरेंज के कार्यकारी निर्देशक श्रीधर ठाकरे ने अमरावती मंडल से बातचीत में प्रकल्प निर्माण प्रारंभ होने की पुष्टि की. उन्होंने भी अपेक्षा जतायी कि, इस उद्यम से संतरे को अच्छे दाम मिलेंगे. क्षेत्र का संतरा विदेशों में भेजा जाएगा. विशेषकर खाडी देशों, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप में यहां से संतरा भेजा जा सकता है. ठाकरे ने यह भी कहा कि, क्षेत्र में लगभग 8 से 10 लाख टन संतरा उत्पादन दोनों बहार में होता है.
* प्रकल्प की क्षमता 2 लाख टन
एमकेसी एग्रो फ्रेश के मोहम्मद नासिर ने बताया कि, अगले सीजन से प्लाँट शुरु हो जाएगा. रोज एक हजार टन संतरे पर प्रक्रिया होगी. पूरे सीजन में 2 लाख टन संतरा प्रक्रिया कर विदेशों में भेजा जाएगा. मोहम्मद नासिर ने बताया कि, वर्किंग कैपिटल सहित प्रकल्प की लागत रुपए 350 करोड तक जाएगी. दिल्ली की कंपनी के संचालक मोहम्मद नासिर ने बताया कि, उन्हें नोएडा में इस प्रकार के फलों के भंडारण का अनुभव है.
* नांदेड का प्रकल्प संचालित
श्रीधरराव ठाकरे ने बताया कि, नांदेड के सह्याद्री फार्म प्रकल्प में अच्छा काम हो रहा है. यहां का यूनिट नाशिक की कंपनी संचालित कर रही है. दो वर्षों से वहां फल प्रक्रिया उद्योग शुरु है. इसी आधार पर वरुड का प्रकल्प भी सफल रहने का भरोसा ठाकरे ने जताया. उन्होंने कहा कि, प्रक्रिया उद्योग से क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा. क्षेत्र के खट्टे-मीठे संतरे की सभी तरफ मांग है. जबकि मोहम्मद नासिर के अनुसार उनके प्रकल्प में दूसरे दर्जे का संतरा भी उपयोग में लाया जा सकता है. जिसमें जूस कान्संटे्रट बनाकर विदेशों में भेजा जाएंगा. वरुड-मोर्शी के संतरा उत्पादक किसानों ने प्रकल्प का स्वागत किया है.