अमरावती

… अंतत: साढे तीन माह बाद मिलन पोपट ने किया अदालत में सरेंडर

11 मई तक पुलिस कस्टडी में रखे जाने का आदेश पारित

* 1.80 करोड रूपयों की जालसाजी का मामला
* मिलन की महिला साथी का अब तक कोई अता-पता नहीं
अमरावती/दि.9– चिटफंड कंपनी खोलकर निवेशकों के करोडों रूपये डूबानेवाले मिलन पोपट नामक ठगबाज ने अंतत: विगत शुक्रवार को स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय के सामने आत्मसमर्पण किया. जहां से आर्थिक अपराध शाखा ने उसे अपने कब्जे में लेकर शनिवार को न्यायालय के समक्ष उपस्थित किया और न्यायालय ने उसे पांच दिन यानी 11 मई तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया. ऐसे में अब पीसीआर की अवधि के दौरान शहर में खलबली मचा देनेवाले इस बडे फाईनांशियल फ्रॉड से संबंधित जानकारियों का पर्दाफाश होगा.
उल्लेखनीय है कि, विगत जनवरी माह के दौरान अंबिका नगर के श्रीनिवास अपार्टमेंट में रहनेवाले मिलन पोपट (35) द्वारा शहर के कई संभ्रांत नागरिकों के साथ आर्थिक धोखाधडी व जालसाजी किये जाने का मामला सामने आया था. जब मिलन पोपट अपना घर और घर के भीतर का साजो-सामान बेचकर परिवार सहित रातोंरात अमरावती से फरार हो गया था. साथ ही उसने गिरफ्तारी पूर्व जमानत मिलने हेतु स्थानीय अदालत में याचिका दाखिल की थी. जिस पर विगत 20 अप्रैल को सुनवाई हुई और 22 अप्रैल को अदालत ने मिलन पोपट की अग्रीम जमानत याचिका को खारीज कर दिया. ऐसे में स्थानीय आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मिलन पोपट को गिरफ्तार करने की तैयार शुरू की गई. किंतु इसी बीच मिलन पोपट ने विगत शुक्रवार को अमरावती पहुंचकर स्थानीय अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पश्चात आर्थिक अपराध शाखा ने मिलन पोपट को स्थानीय कारागार से अपने कब्जे में लिया और शनिवार को अदालत के समक्ष पेश किया. जहां से अदालत ने मिलन पोपट को पांच दिन तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश पारित किया.

* यह था मामला
रूख्मिणी नगर में चिटफंड कंपनी का कार्यालय खोलकर मिलन पोपट व एक महिला द्वारा निवेशकों के साथ 98 लाख रूपये की जालसाजी किये जाने की पहली शिकायत 22 जनवरी को राजापेठ पुलिस में दर्ज कराई गई थी. जिसमें बताया गया था कि, मिलन पोपट ने चिटफंड कंपनी खोलते हुए लोगों से प्रति माह एक निश्चित रकम ली और लकी ड्रॉ के जरिये कुछ बीसी धारकों को गिफ्ट भी दिये. जिससे और भी लोग इस चिटफंड कंपनी में निवेश करने हेेतु प्रेरित हुए. किंतु बाद में मिलन पोपट लोगों की रकम और निवेश पर ब्याज वापिस लौटाने में आना-कानी करने लगा. साथ ही जनवरी माह के प्रारंभ में मिलन पोपट अकस्मात ही अपने घर व कार्यालय पर ताला लगाकर फरार हो गया. जिसके बाद पता चला कि, मिलन पोपट ने फरार होने से पहले अंबिका नगर परिसर स्थित अपना फ्लैट किसी अन्य को बेच दिया था. ऐसे में पुलिस द्वारा मिलन पोपट सहित एक महिला के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 व 34 तथा चिटफंड एक्ट की धारा 4 व 5 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. इसके साथ ही मिलन पोपट के खिलाफ शिकायत देनेवालों की संख्या बढती गई और घोटाले की राशि 1 करोड 80 लाख रूपयों के आसपास जा पहुंची. जिसके चलते पुलिस द्वारा जनवरी माह से फरार रहनेवाली मिलन पोपट की सरगर्मी की तलाश की जा रही थी.

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