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आखिरकार अमरावती विद्यापीठ ने रद्द की अंतिम सत्र की परीक्षा

विद्यापीठ कर्मियों द्वारा किया गया था आंदोलन

अमरावती/दि.३० – संत गाडगे बाबा विद्यापीठ द्वारा ली जाने वाली अंतिम सत्र की परीक्षा आखिरकार रद्द कर दी गई. मंगलवार को परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख ने परीक्षा स्थगित किए जाने का पत्र जारी किया. जिसकी वजह से अब १ तरीख से होने वाली परीक्षा पर पूर्ण विराम लग गया है. राज्य भर के अकृषक विद्यापीठ के कर्मचारियों ने गुरुवार से कामबंद आंदोलन शरु किया था. जिसमें संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के कर्मचारी भी शामिल हुए थे. विद्यापीठ की ओर से १ अक्तूबर से ली जाने वाली परीक्षा रद्द कर दी गई है.
इस संदर्भ में सोमवार को उच्च शिक्षण मंत्री उदय सांवत के साथ विद्यापीठ के कर्मचारियों ने ऑनलाइन बैठक की थी. किंतु ऑनलाइन बैठक में भी किसी प्रकार का रास्ता नहीं निकल पाया था. जिसमें विद्यापीठ के कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन किया था. जिससे विद्यापीठ के परीक्षा संबंधित कामों में रुकावटे आयी. इस महत्वपूर्ण काम में ठेकेदारी पद्धत के कर्मचारियों का सहभाग नहीं लिया जा सकता जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया. मंगलवार को दिनभर कुलगुरु डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने विद्यापीठ के आंदोलनकर्ताओं से चर्चा की.
आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा की जाने पर भी कोई रास्ता नहीं निकल पाया. परिणामस्वरुप संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख ने परीक्षा स्थगित करने का पत्र जारी किया और कहा कि आगामी परीक्षा के संबंध में सूचना व समय सूची बाद में प्रकाशित की जाएगी. इसी दौरान कोरोन संकट काल के चलते परीक्षा ऑनलाइन की बजाय लेखी स्वरुप में विद्यापीठ द्वारा कदम उठाया गया था. किंतु इस निर्णय का भी विरोध किया गया. अब परीक्षाएं रद्द किए जाने पर आगे परीक्षा कैसी होगी किस स्थिति में होगी विद्यार्थियों में संभ्रम बना है.

आंदोलन की वजह से परीक्षा रद्द की गई

विद्यापीठ के कर्मचारियों द्वारा किए गए अांदोलन की वजह से परीक्षा का कामकाज प्रभावीत हुआ था. इसके अलावा महाविद्यालयीन कर्मचारी इसमें शामिल होने की वजह से कामों की समीक्षा की गई. आंदोलन की वजह से काम रुक गए थे. जिसमें अंतिम सत्र की परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया गया.
-डॉॅ. मुरलीधर चांदेकर, कुलगुरु

अांदोलन विद्यार्थी विरोधी नहीं

विद्यापीठ कर्मचारियों द्वारा किया गया आंदोलन विद्यार्थी विरोधी नहीं है. शासन व प्रशासन विद्यापीठ कर्मचारियों की प्रलंबित मांगों को न्याय नहीं दे रहा. इसलिए यह आंदोलन किया जा रहा है. ८ माह पूर्व मांगे पूरी किए जाने का आश्वासन दिया गया था. qकतु आश्वासन को एक महीना पूरा हो जाने के पश्चात मांगे पूरी नहीं किए जाने पर आंदोलन किया गया.
-अजय देशमुख, अध्यक्ष कर्मचारी महासंघ

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